औषधीय पौधों की खेती से स्वस्थ बनेगा भारत
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गोपाल पांडेय, सुलतानपुर :
राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत स्वस्थ भारत बनाने के नजरिये से औषधीय पौधों की खेती को विशेष तवज्जो दी जा रही है। जिले के कुड़वार, बल्दीराय, जय¨सहपुर क्षेत्रों में तुलसी, एलोवेरा, सतावरा, आर्टीमीशिया जैसे गुणकारी औषधीय पौधे किसानों को प्रोत्साहित कर तैयार कराए जा रहे हैं। इसके लिए उन्हें सरकारी अनुदान भी दिया जा रहा है। साथ ही पौधों की बेहतरी के लिए देखभाल की जिम्मेदारी उद्यान विभाग को दी गई है। ताकि पीएम मोदी के स्वस्थ भारत मिशन के सपने को पूरा किया जा सके। सुलतानपुर के अलावा अन्य जिलों में भी औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। उद्यान विभाग सीमैट के जरिए औषधीय उत्पादों को बेहतर बाजार दिलाने की कोशिश कर रहा है।
कूरेभार विकास खंड के सिरवारा गांव में एक एकड़ क्षेत्रफल में मत्स्येंद्र प्रसाद शाही व माधवपुर के राम मिलन वर्मा, अमहट की मिथिलेश व बल्दीराय की राकेश कुमारी ने तुलसी सहित एलोवेरा, सतावर और आर्टीमीशिया की खेती शुरू की है। विभिन्न औषधीय पौधों के लिए राज्य आयुष मिशन आर्थिक अनुदान सहित बीज आदि की उपलब्धता सुनिश्चित कराके किसानों को इस खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
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औषधीय पौधों के गुण
तुलसी का गुण सर्वविदित है। यहां उत्पादित विशेष प्रजाति विष्णु नामक तुलसी के 40 ग्राम पत्तों में तकरीबन 1.3 ग्राम प्रोटीन 9.8 कैलोरी, 1.1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। जो मानव स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
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सतावर की जड़ों को आयुर्वेद में अमृत का दर्जा दिया गया है जो कि महिला स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। सतावर को विटामन के, बी, ई और फॉलिक एसिड का श्रोत माना जाता है।
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एलोवेरा एनई घृतकुमारी चमत्कारी औषधि मानी गई है। इसके पत्तों के जेल में बिटामिन बी, लौह तत्व प्रचुर मात्रा में हैं। आर्टीमीशिया कैंसर और कोमा में गए मरीजों के लिए दवाओं के निर्माण में इसका उपयोग किया जाता है।
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-किसानों को तुलसी के अतिरिक्त अन्य चार औषधीय प्रजातियों के उत्पादन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। सरकार किसानों को इसके लिए अनुदान भी दे रही है।
-राम अकबाल, प्रभारी, आयुष मिशन