सौ दीजिए, इतना ही मुफ्त पाइए
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सुलतानपुर : कामगार मजदूरों के लिए यह किसी खुशखबरी से कम नहीं है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था में जीवन यापन करने में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना शुक्रवार से लागू हो रही है। योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक व 40 वर्ष तक दिहाड़ी कामगार, रिक्शा चालक, धोबी, मोची समेत अन्य कामगार इसका लाभ उठा सकेंगे। उम्र के हिसाब से प्रतिमाह स्वैच्छा से अंशदान करना होगा। उतना ही अंशदान भारत सरकार करेगी। साठ वर्ष की उम्र सीमा पार करने के बाद इन्हें प्रतिमाह तीन हजार रुपये पेंशन मिलेगी। योजना के नोडल अधिकारी आलोक कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सरकार की इस योजना के लिए विशेष अधिकारी को नामित कर दिया गया है। मात्र मोबाइल लेकर आने से कामगार का रजिस्ट्रेशन कर दिया जाएगा। कौन है असंगठित क्षेत्र के कामगार
कामगार के दो तरह के होते हैं। एक संगठित, दूसरा असंगठित। संगठित क्षेत्र के कामगार वह हैं जो प्रतिदिन आफिस जाते हैं। उन्हें एक निश्चित रकम माह में मिलती है। रिटायर होने पर एक मुश्त धनराशि उन्हें प्राप्त होती है। आम भाषा में इन्हें नौकरी पेशा कहा जाता है। वहीं असंगठित क्षेत्र के कामगार रोजाना काम की तलाश में निकलना पड़ता है। इनके पास कोई पक्की नौकरी या काम नहीं होता। मेहनताना दैनिक स्तर पर मिलता है। ये रोज कमाने खाने के लिए काम ढूंढते हैं। इसी तरह के कामगारों के लिए यह योजना है।
आलोक कुमार श्रीवास्तव, शाखा प्रबधंक
भारतीय जीवन बीमा निगम