..खास पर मेहरबानी, आमजन की बढ़ाई मुसीबत
जाम से निजात दिलाने के लिए सड़कों के चौड़ीकरण का मनमाने ढंग से हो रहा कार्य।
सुलतानपुर : जाम से निजात दिलाने के लिए दो बड़ी और व्यस्त सड़कों के चौड़ीकरण का काम मनमाने ढंग से हो रहा है। चौड़ीकरण में मध्य बिदु से दोनों ओर चौड़ाई बढ़ाने के नियम का मखौल उड़ाया गया है। कहीं एक ही दिशा में आठ मीटर चौड़ाई ले ली गई तो कहीं इसी के विपरीत दूसरी दिशा में सड़क का किनारा जस का तस पड़ा है।
बस स्टेशन से अमहट तक चौड़ी होने वाली 3.47 किमी इस सड़क को 16 मीटर चौड़ा किया जाना है। इसी तरह गोलाघाट से पयागीपुर तक की 4.13 किमी सड़क ही चौड़ी होनी है। गोलाघाट से पीडल्ब्यूडी दो किमी सड़क बीते दिनों इसी परियोजना के तहत सात मीटर चौड़ी कर दी गई। चार माह तक चले इस दो किमी को बनाए जाने में भी मानक का अनुपालन नहीं हुआ है। जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। बरसात के दिनों में सड़क के ऊंची हो जाने से इस वीआईपी क्षेत्र में लोगों के आवासों में भी पानी भर जाने की आशंका बनी हुई है।
नियमों की अनदेखी :
लोक निर्माण विभाग की नियमावली है कि सड़क की चौड़ाई दोनों दिशाओं की पटरियों पर निर्मित सड़क के बीचोबीच से ली जाती है। गोलाघाट से पीडब्ल्यूडी तक बनी सड़क पर इस नियम का पालन किया गया, जबकि सड़क की दक्षिणी पटरी पर पर्याप्त सरकारी जमीन थी, लेकिन उत्तरी दिशा में लोगों के आवास होने के बावजूद बराबर की चौड़ाई ली गई है। वहीं बस स्टेशन से अमहट तक बनने वाली सड़क पर कोतवाली परिसर सड़क की चौड़ाई की जद में आ रहा था, वहां इसे नजरदांज किया गया और पश्चिमी छोर पर सड़क चौड़ी कर दी गई। डीएम आवास और कलेक्ट्रेट, सहकारी बैंक आदि की बाउंड्री चौड़ाई की जद में आ रही है लेकिन इसे तोड़ा नहीं जा रहा है।
अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग रविकांत रजक ने बताया कि पुरानी सड़क के लैंड प्लांट को आधार मानकर चौड़ाई बढ़ाई जाती है। मध्य बिदु का फार्मूला लागू हो, यह अनिवार्य नहीं है। प्रस्तावित अपेक्षित चौड़ाई में नई सड़क का निर्माण हो उसे प्राथमिकता दिया जाता है। प्रयास किया जाता है कि दोनों दिशाओं में सड़क बराबर नाप से चौड़ी हो।