कस्तूरबा के निर्माण में उड़ीं मानकों की धज्जियां
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संवादसूत्र, सुलतानपुर : बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए ग्रामीणांचल में स्थापित कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालयों के निर्माण में जमकर मानकों की धज्जियां उड़ाई गईं। लाखों रुपये के वारे-न्यारे हो गए। शासन सत्ता को होश तब आया जब चिड़िया चुग गई खेत। प्रकरण आठ वर्ष पूर्व कस्तूरबा भवन निर्माण का है। तत्कालीन बीएसए सस्पेंड हो चुके हैं। उच्चस्तरीय जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बैठा दी गई है। दस दिन के भीतर उसे रिपोर्ट प्रेषित करनी है। कई अन्य अफसरों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। जिले के बंटवारे के पहले सुलतानपुर व अमेठी जिले के चौबीस विकास खंडों में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों के भवन निर्माण के लिए करोड़ों रुपये सर्वशिक्षा अभियान ने अनुमोदित किए। यही भारी-भरकम धनराशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। सन् 2008-09 में कार्यदायी संस्थाओं को काम के बंटवारे को लेकर बड़े पैमाने पर सफेदपोशों के साथ-साथ रसूखदारों की सिफारिश और दबाव के बहाने अफसरों ने भी खूब मनमानी की। उस वक्त बीएसए थे एम सिद्दीकी जो प्रथम ²ष्टया दोषी ठहराए जा चुके हैं। सर्वशिक्षा अभियान के वित्त एवं लेखाधिकारी अवधेश ¨सह समेत कई और जिम्मेदार उस वक्त जिले में तैनात थे। कुछ खंड शिक्षा अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। कार्यदायी संस्था यूपीसीडी के साथ-साथ स्थानीय ठेकेदारों और व्यवसाइयों को भी खुले हाथ बिजलीकरण समेत निर्माण के तमाम काम मानकों को ताक पर रखकर सौंपे गए। अभी तक सिर्फ 52 लाख के गबन की पुष्टि हुई है। सूत्रों के मुताबिक ये रकम तो ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। करोड़ों रुपये तो संसाधनों के विकास में ही खर्च किए गए। जांच शुरू होगी तो सारा सच सामने आ जाएगा। बीते तीन दिन, जांच टीम का इंतजार
सर्वशिक्षा अभियान के जिला परियोजना कार्यालय में उस वक्त की फाइलों को सुरक्षित करने में जुटे जिला समन्वयक (निर्माण) आनंद शुक्ल बताते हैं कि हमारा कोई लेना-देना इस प्रकरण से नहीं है। जांच टीम की प्रतीक्षा की जा रही है। जो भी कागजात मांगे जाएंगे, उसे उपलब्ध कराएंगे।