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अपात्रों से नहीं हो सकी वसूली, पात्र सम्मान निधि पाने से वंचित

किसान सम्मान निधि की नौवीं किस्त इसी माह यहां के किसानों के खाते में आने वाली है। इस निधि को पाने से सैकड़ों पात्र किसान वंचित है। वहीं अनेक अपात्रों पेंशन धारकों व आयकर दाताओं के खाते में यह राशि जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 11:04 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 11:04 PM (IST)
अपात्रों से नहीं हो सकी वसूली, पात्र सम्मान निधि पाने से वंचित
अपात्रों से नहीं हो सकी वसूली, पात्र सम्मान निधि पाने से वंचित

सुलतानपुर : किसान सम्मान निधि की नौवीं किस्त इसी माह यहां के किसानों के खाते में आने वाली है। इस निधि को पाने से सैकड़ों पात्र किसान वंचित है। वहीं अनेक अपात्रों पेंशन धारकों व आयकर दाताओं के खाते में यह राशि जा रही है। विभाग इनसे दी गई धनराशि की वसूली भी नहीं कर पा रहा है।

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ब्लाक स्तर पर शिविर लगा कर चलाए गए अभियानों के बावजूद सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का समुचित लाभ पाने से अन्नदाता वंचित है। पात्र किसान तक यह आर्थिक मदद पहुंच सके इसमें प्रशासनिक तंत्र की उदासीनता बाधा बन रही है। वहीं केंद्रीय स्तर पर आनलाइन आवेदन की कमियों को दूर करने के उपाय भी बताए गए हैं।

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छोटे किसानों के लिए उम्मीद की किरण :

किसान सम्मान निधि कम रकबा वाले किसानों के लिए उम्मीद की किरण है। जिले तकरीबन 80 प्रतिशत किसान दो हेक्टेयर से कम खेती वाले हैं। इनकी पैदावार भी बेहद सीमित है। फसल के लिए समय पर खाद, बीज, जोताई और सिचाई पर होने वाले व्यय में नियमित अंतराल पर मिलने वाली आर्थिक सहायता बड़ा सहारा साबित होती है।

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तीन साल बाद भी नहीं हुआ सुधार :

2019 को लागू हुई योजना के इतने दिन बीत जाने के बाद इसकी खामियों को दूर नहीं किया जा सका है। प्रति वर्ष दो हजार रुपये की तीन किस्तों में किसान को छह हजार रुपये सालाना मिलता है। योजना की शुरुआत में सिर्फ दो लाख किसानों को यह लाभ मिला। बीते अप्रैल में जारी आठवीं किस्त में 487133 किसानों के खाते में धनराशि पहुंची थी।

--------- चार हजार से अधिक पाए गए हैं अपात्र :

जांच में 4829 किसान भूमिहीन, मृतक, पेंशन धारक या आयकर दाता पाए गए है। इनकी अपात्रता की सूचना निदेशालय भेजे जाने का दावा कृषि विभाग की ओर से किया गया है। वहीं अपात्रों से रिकवरी की प्रक्रिया के बाबत विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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इनसेंट :

- जिला प्रशासन को अपात्रों की सूची सौंपी गई है। राजस्व विभाग की ओर से यह वसूली की जानी है। विभाग ने इसकी सूचना कृषि निदेशालय और शासन को भी भेजा है।

सदानंद चौधरी, जिला कृषि अधिकारी


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