अतिक्रमण से खो रही मेजरगंज की रौनक
सुलतानपुर: शहर के चौक इलाके के पुराने बाजारों में शुमार है मेजरगंज। चौक इलाके के इस महत्वपूर्ण बाजार
सुलतानपुर: शहर के चौक इलाके के पुराने बाजारों में शुमार है मेजरगंज। चौक इलाके के इस महत्वपूर्ण बाजार में सराफा, बर्तनों व कपड़ों की दुकानें हैं ही इलेक्ट्रानिक उपकरणों की भी यहां दर्जनों दुकाने हैं। ग्रामीणांचल से बड़ी तादाद में लोग खरीदारी करने पहुंचते रहते हैं। ऐसे में अतिक्रमण के चलते बाजार पूरी तरह यातायात अराजकता की चपेट में रहता है। सुबह दस बजे से लेकर शाम सात बजे तक यही आलम नजर आता है। फुटपाथों का वजूद अतिक्रमण के चलते खत्म हो गया है तो वहीं सड़क तक सजी दुकानों से हालात और भी बदतर होते जा रहे हैं।
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मेजरगंज चौराहे पर सड़क तक फैल चुकी हैं दुकानें
एक वक्त था कि चौक का मेजरगंज इलाका बेहद शांतिप्रिय था। यहां के चौड़े फुटपाथ पर आराम से राहगीर गुजरते थे और वाहनों का भी सुगमता से होता था। अब लखनऊ नाका से ठठेरी बाजार की ओर जाना हो या फिर पंचरास्ते से सिनेमा रोड की तरफ। दोनों ही सड़कों पर फुटपाथ नजर ही नहीं आते। इन पर सजी दुकानें और स्थाई दुकानों के फैले काउंटर से फुटपाथ दिन भर ढके रहते हैं, जो जगह शेष बचती है उन पर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। यही हाल मेजरगंज के मुख्य चौराहे का भी है। दोनों तरफ ठेले और बीच में संकरी सी सड़क।
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पार्किंग के अभाव से घट रहा कारोबार
ठठेरी बाजार से लेकर सिनेमा रोड तक और फिर कालीमाई थान मार्ग मुख्य मेजरगंज बाजार का हिस्सा है। इस बाजार में संकरी सड़क होने की वजह से जो भी ग्राहक दुपहिया एवं चार पहिया वाहनों से यहां पहुंचते हैं उनके लिए गाड़ियों की पार्किंग मुसीबत है। कहीं पर भी जगह नहीं रह गई है। सड़क किनारे वाहनों की कतार जब लगती है तो घंटों जाम की स्थिति बन जाती है।