वर्दीधारियों का प्रशिक्षण भ्रष्टाचार के दलदल में
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सुलतानपुर : शासन-सत्ता भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासन के लिए रातदिन एक किए हुए है। एसपी अनुराग वत्स की सजगता व सख्ती से भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लगातार हो रही सख्त कार्रवाई से उनकी कमर भी टूटी है। बावजूद कुछ आदतन भ्रष्टाचारी भी भी बाज नहीं आ रहे। अब तक दर्जनों जिम्मेदार अधिकारी व कर्मी बेनकाब हो गए हैं। महकमे के एक बड़े अफसर पर भी उंगलियां उठ रही हैं। उस्तादों ने कर दिया खेल :
स्थानीय पुलिस लाइन में ही वैकल्पिक तौर पर रिक्रूटमेंट ट्रे¨नग सेंटर स्थापित है। जहां पर बीते माह तक 174 प्रशिक्षु सिपाहियों को व्यावहारिक एवं सैद्धांतिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा था। निगरानी पुलिस विभाग की थी और ट्रे¨नग दे रहे थे पीएसी के आरक्षी। इन प्रशिक्षकों को आम बोलचाल की भाषा में ट्रे¨नग के दौरान प्रशिक्षु उस्ताद के नाम से संबोधित करते हैं। इन उस्तादों ने ही खेल कर दिया। एक ऐसा नेटकवर्क विकसित किया जिसके अंतर्गत ट्रे¨नग के दौरान पास किए जाने के एवज में दस हजार रुपये प्रति प्रशिक्षु रकम वसूली की जाने लगी। इस गंदे खेल से न सिर्फ नैतिकता, मर्यादा तार-तार हुई बल्कि निष्ठा पर ही आंच आई। सिद्धांत के प्रशिक्षण में इन मर्यादाहीन कृत्यों को अंजाम देने वालों को कुछ एक साहसी प्रशिक्षुओं ने नजरअंदाज करने की कोशिश की तो उन पर दबाव भी बनाया गया। दस के बजाय पांच-छह हजार रुपये वसूले गए। जिम्मेदार अफसरों के मौन पर भी सवाल
पुलिस महकमे में प्रशिक्षण की एक अलग ¨वग है। बाकायदा नोडल अफसर तैनात हैं। ये नोडल अफसर राजपत्रित अधिकारी हैं। उन पर जिम्मेदारी है कि कहीं पर भी कोई गलत न हो पाए। बावजूद खेल हो गया। करीब चौदह लाख रुपये की रकम एकत्र की जाती रही प्रशिक्षुओं से, लेकिन नोडल अफसर को पता ही नहीं चला, ये बात हजम नहीं हो रही है।
हरकत में शासन, कई निशाने पर :
ट्रे¨नग के सूबेदार, मेजर, मुंशी के निलंबन के साथ 10 ट्रेनरों के निलंबन की भी प्रक्रिया चल रही है। कई पर गाज गिरने की संभावना है।
-हम भ्रष्टाचार के सख्त खिलाफ हैं। प्रथम दृष्टया पुष्टि होते ही ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा रही है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
-अनुराग वत्स, एसपी