गांव तक फैला पटाखों का अवैध कारोबार, लाइसेंस सिर्फ 27 के पास
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सुलतानपुर : जिले में साल-दो-साल पर पटाखा विस्फोट के होने वाले हादसे प्रशासन की नाकामियों को उजागर कर देते हैं। सिर्फ 27 कारोबारियों को पटाखा निर्माण की इजाजत है। बावजूद इसके शहर से लेकर गांव तक पटाखा निर्माण का अवैध कारोबार चल रहा है। एक बार फिर प्रशासनिक कार्रवाई कसौटी पर है।
करीब चार साल पहले गोसाईंगंज के सैफुल्लागंज व धम्मौर थानाक्षेत्र के जैतापुर गांव में हुए पटाखा विस्फोट की यादें अभी ताजा हैं। इन हादसों में करीब आधा दर्जन लोगों की जान चली गई थी। घर तो नष्ट हुआ ही, लाखों रुपये की संपत्ति भी खाक हो गई। बावजूद इसके प्रशासन ने सबक नहीं लिया। आज भी पटाखा निर्माण का अवैध कारोबार तमाम गांवों में बेखौफ होकर चल रहा है। जब दीपावली नजदीक आती है तभी पुलिस-प्रशासन हरकत में आता है और फिर आनन-फानन अपनी नौकरी सुरक्षित रखने के लिए बस औपचारिकता पूरी कर दी जाती है। कुछ लोगों को लाइसेंस बांटकर खानापूरी करने एक रवायत सी चली आ रही है। अग्निशमन विभाग व प्रशासन के आंकड़ों में यूं तो जिले में 106 पटाखा कारोबारी हैं, इनमें से ज्यादातर को सिर्फ दुकान लगाकर बिक्री की अनुमति है। सिर्फ 27 ऐसे हैं जिन्हें पटाखा निर्माण की भी इजाजत दी गई है वो भी मानक एवं शर्तों पर। इसका उल्लंघन सरेआम देखा जा सकता है।
यहां चल रहा कारोबार : शहर के समीपवर्ती सैफुल्लागंज बाजार पटाखा के लिए विख्यात है। प्रतापगढ़ रोड भादा व प्रतापगंज, कुड़वार के अलीगंज, बेला पश्चिम, बंधुआकलां, हनुमानगंज, दोस्तपुर, कोइरीपुर, कुड़वार, लम्भुआ, कूरेभार, गुप्तारगंज, पाराबाजार, कादीपुर, वलीपुर, बल्दीराय समेत दर्जनों गांवों व कस्बों में बड़ी तादाद में आबादी के बीच पटाखों का निर्माण चल रहा है। वहीं पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है।
कोट
अवैध रूप से पटाखे का कारोबार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अग्निशमन विभाग व क्षेत्रीय पुलिस थानों को इस बावत निर्देश जारी किए जा चुके हैं। कारोबार के लिए लाइसेंस की प्रक्रिया है। जिसे इच्छुक कारोबारियों को पूर्ण करना ही होगा।
-हर्षदेव पांडेय, एडीएम