यहां शत-प्रतिशत रहती है छात्रों की उपस्थिति
धर्मराज दूबे, कूरेभार (सुलतानपुर) : जिला मुख्यालय से बीस किमी दूर ब्लाक में स्थित प्राथमिक विद्याल
धर्मराज दूबे, कूरेभार (सुलतानपुर) : जिला मुख्यालय से बीस किमी दूर ब्लाक में स्थित प्राथमिक विद्यालय ईरुल अन्य स्कूलों के लिए नजीर पेश कर रहा है। आज इस विद्यालय में दाखिला लेने के लिए मारा-मारी रहती है। स्कूल की गतिविधियों इतनी उत्कृष्ट हैं कि पांच किमी दूरी का सफर तय कर बच्चे यहां पढ़ने आते हैं। विद्यालय में सबकुछ समय सारिणी के हिसाब से होता है। अगल-बगल गांवों में संचालित इंगलिश मीडियम स्कूल लगभग बंद हो गए हैं।
2012 में शिव बहादुर वर्मा ने जब बिद्यालय के प्रधानाध्यापक पद पर कार्यभार ग्रहण किया तो उस समय बिद्यालय की दशा बहुत अच्छी नही थी। उस समय बिद्यालय में कुल 33 बच्चे ही अध्ययनरत थे।शिव बहादुर वर्मा व सहयोगी
अध्यापकों के कठिन मेहनत से बर्तमान में 205 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे है। अब यह विद्यालय ब्लॉक के श्रेष्ठ बिद्यालय की कतार में है। बिद्यालय के प्रत्येक कक्षा में डैश बोर्ड पर बच्चों को शिक्षा दी जाती है।यहां बच्चे खेल-खेल में सबकुछ सीखते हैं। शिक्षक मंजू वर्मा,रुबी वर्मा,व रीता गुप्ता की कड़ी मेहनत के चलते यहाँ के बच्चे फर्राटा पहाड़ा व इमला पढ़ व लिख लेते है। अच्छी पढ़ाई के चलते लगभग 2 से 5 किमी दूर गांव के बच्चे पढ़ने आते हैं। प्रधानाध्यापक का कहना है कि बच्चों की उपस्थिति पर अधिक जोर दिया जाता है,यदि बच्चा 2 दिन स्कूल नही आता तो मोबाईल से अभिभावक से जानकारी ली जाती है। एक सप्ताह तक कोई छात्र स्कूल नही आता है तो उसके घर जाकर बच्चे को स्कूल आने के लिए प्रेरित किया जाता है। बाउंड्री व रसोई घर सहित सभी कमरे सुसज्जित है,जिनकी दीवारों पर गिनती पहाड़ा, दिन महीने,साल व अन्य रोचक जानकारियां लिखी गई है।
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काश यहां भी ऐसा होता
विकास खंड के हाइबे किनारे प्राथमिक विद्यालय गुप्तारगंज प्रथम का हाल बेहाल है। यहां कुल 134 छात्रों का नामांकन है,लेकिन यहां बरसात में जल भराव होने से बच्चों को स्कूल आने जाने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है,बैठने के साथ अन्य मूलभूत सुविधाओं का अभाव है,पुराना भवन जर्जर हो चुका है,जबकि नये बने 2 कमरों में बरसात के इस मौसम में सीलन रहती है।