नियमों को दरकिनार कर दिए गए अनुदान
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सुलतानपुर : प्रधानमंत्री कृषि ¨सचाई योजना के तहत स्प्रिंकलर और ड्रिप ¨सचाई की पाइपों के लिए दिए गए अनुदानों में नियमों की अनदेखी की गई है। उद्यान विभाग की ओर से तकरीबन 46 ऐसे लोगों को ¨सचाई की पाइप के लिए अनुदान की धनराशि दे दी गई, जो पात्रता के मानक को पूरा नहीं करते हैं। लघु एवं सीमांत किसानों के लिए अनुदान दिए जाने के नियम को ताक पर रखकर विभाग नें डीलरों के हस्तक्षेप पर यह अनुदान बांटा है।
¨सचाई की आधुनिक प्रणाली किसानों तक पहुंचाने के लिए उद्यान विभाग की ओर से ड्रिप व स्प्रिंकलर ¨सचाई की पाइपों के लिए किसानों को दो श्रेणी में बांटा गया है। लघु व सीमांत किसानों को पाइप मूल्य का 90 प्रतिशत व इसके ऊपर की जोत के किसान को 80 प्रतिशत धनराशि सरकार अनुदान के रुप में देती है। एक लघु किसान को ¨सचाई की पाइप के लिए 25186 रुपये लागत रखी गई है। इसमें किसान का अंश 2519 रुपये है। सरकार 22667 रुपये का अनुदान देती है। इन पाइपों की आपूर्ति के लिए जिले में पांच डीलर हैं। पूरी व्यवस्था ऑनलाइन तथा पहले आओ पहले पाओ नियम पर चलने का दावा विभाग की ओर से किया जाता है। बावजूद इसके वित्तीय वर्ष 2017-18 में यहां शुरू हुई योजना के तहत ड्रिप व स्प्रिंकलर पाइपों के तकरीबन 200 आवेदकों को यह अनुदान दिया गया है। लाभ पाए लोगों में तकरीबन 46 ऐसे लोग हैं जिनके पास खतौनी में पैतृक रुप से पात्रता के जोत की जमीन है। अनुदान का वास्तविक लाभ पाने वाले व्यक्ति के हिस्से में नाम मात्र की ही जमीन है। स्थित यह है कि 0.4 हेक्टेयर की भूमि के अंश धारक अनुदान पा गए हैं। विभाग पैतृक खतौनी के जरिए अनुदान दे दिया।
जिला उद्यान अधिकारी प्रवीण कुमार ¨सह ने कहा कि अनुदान का लाभ उत्पादक कृषकों के समूह को अथवा पैतृक जमीन पर अन्य हिस्सेदारों के सहमति पर दिया जा सकता है। निदेशालय से ऐसे आदेश मिले हैं। लाभ पाए कम जोत के किसानों से भूखंड के संयुक्त हिस्सेदारी में होने का हलफनामा लिया जाएगा।