पांच ग्राम पंचायतों में इस बार नहीं चुने जाएंगे प्रधान
लम्भुआ कस्बे को नगर निकाय का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव शासन में भेजा जा चुका है। अब उसका गजट होना बाकी है।
संजय तिवारी, सुलतानपुर
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की हलचल शुरू हो गई है। मतदाता सूची में नए मतदाताओं का नाम दर्ज करने के लिए बीएलओ घर-घर जाकर प्रक्रिया पूरी करने में जुटे हैं। इन सबके बीच जिले में आगामी चुनाव में गांव की सरकार सिमटने जा रही है। कारण लम्भुआ विकास खंड के पांच ग्राम पंचायत व चार ग्राम पंचायत आंशिक रूप से शहरी क्षेत्र में शामिल कर ली गई हैं। इन गांवों के मतदाता विकास के लिए अब प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्य का चुनाव नहीं करेंगे। इनके स्थान पर नगर चेयरमैन व सभासद पद के लिए मतदान करेंगे।
लम्भुआ कस्बे को नगर निकाय का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव शासन में भेजा जा चुका है। अब उसका गजट होना बाकी है। गजट होते ही निकाय के वार्डों के गठन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पंचायत राज महकमा गजट का इंतजार कर रहा है। शेष बचे राजस्व गांव के परसीमन के बाद उन्हें नए ग्राम पंचायतों से जोड़ा जाएगा। शासन से निर्देश मिलने के बाद इसकी भी प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। फिलहाल 986 ग्राम पंचायतों की जगह यह संख्या घटकर 981 पहुंच गई है।
21 हजार से अधिक की आबादी होगी शहरी क्षेत्र में : घाटमपुर, वेदूपारा, लम्भुआ, सेमरी राजापुर, जगन्नाथपुर ग्राम पंचायतें पूर्ण रूप से नगर निकाय में शामिल की गई हैं। इसी तरह डकाही, विकहर, परमानपुर, पटखौली, शाहपुर पूरन आंशिक रूप से नगरीय क्षेत्र में शामिल किए गए हैं। इन सभी की आबादी तकरीबन 21 हजार 74 है। पंचायत राज विभाग के मुताबिक इसमें 3,488 अनुसूचित जाति के लोग हैं।
वर्जन
नगर निकाय में शामिल किए गए ग्राम पंचायतों के बचे हिस्से का नए सिरे से परसीमन किया जाएगा। जहां एक हजार से अधिक की आबादी होगी उसे ग्राम पंचायत का दर्जा दिया जाएगा।
अविनाश कुमार, डीपीआरओ
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वर्जन
मतदाता सूची बनाने का काम कर रहे बीएलओ निकाय में पूरी तौर पर शामिल किए गए ग्राम पंचायतों के मतदाताओं का नाम जोड़ने का काम नहीं करेंगे। वार्ड बनने के बाद जब निकाय का चुनाव घोषित होगा तब उन मतदाताओं को निकाय की सूची में शामिल किया जाएगा।
डॉ. राजेश कुमार,पंच स्थानिक जिला निर्वाचन अधिकारी