सहकारी समितियां बंद, खाद के लिए भटक रहे किसान
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संवादसूत्र, भदैंया (सुलतानपुर) : सहकारी समितियों के सचिव दस दिनों से हड़ताल पर हैं। समितियों पर ताला लटक रहा है। इससे किसानों के सामने खाद नहीं मिलने का संकट खड़ा हो गया है। इसका फायदा निजी दुकानदार उठा रहे हैं। किसान रबी की मुख्य फसलें गेंहू, आलू , चना, मटर, सरसों इत्यादि की बोआई के लिए मजबूरी में निजी दुकानों से यूरिया व डीएपी महंगे दामों पर खरीद रहे हैं।
सहकारिता समितियों के सचिव एक नवंबर से ही हड़ताल पर चल रहे हैं। इसके चलते समितियों पर ताला लटका दिया गया है। इससे यूरिया, डीएपी व गेंहू के बीज नहीं मिल पा रहे हैं। विकास खंड में भदैंया, बरूई, छतौना, हनुमानगंज, भपटा, कंधईपुर, केनौरा, मीरानपुर व लोहरामऊ सहित नौ साधन सहकारी समितियां हैं। जिन पर सरकारी मूल्य पर यूरिया, डीएपी खाद व गेंहू के बीज मिलते हैं। इससे किसानों को राहत मिलती है, लेकिन अब उन्हें मुश्किल हो रही है।
बाजारों में मिल रही मंहगी डीएपी
समितियों पर जिम्मेदारों की हठधर्मिता से किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। सरकार भी इस ओर ध्यान नहीं दे रही है, जिससे उनकी समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं। वह मंहगी व गुणवत्ताहीन यूरिया, डीएपी बाजारों से लेने को मजबूर हैं। मौजूदा समय में भदैंया, बरूई, हनुमानगंज, भपटा, लोहरामऊ, कंधईपुर, मीरानपुर, केनौरा सहित किसी भी समिति पर यूरिया व डीएपी मौजूद है, लेकिन हड़ताल के चलते वह किसानों को नहीं मिल पा रही है। किसान चंद्र प्रकाश, सुभाष श्रीवास्तव, राजेश चौबे, अर¨वद कुमार ¨सह, रामयज्ञ पांडेय, इरशाद अहमद, ब्रह्मराज पांडेय ने उच्चाधिकारियों से जल्द ही समितियों पर खाद की व्यवस्था कराए जाने की मांग की है।