गोमती में कटान जारी, मुश्किलें बढ़ा रहा बढ़ता जलस्तर
संवादसूत्र, सुलतानपुर : लगातार उफनाती गोमती अर्सा बाद खतरे के निशान के पास पहुंच रही है। क
संवादसूत्र, सुलतानपुर : लगातार उफनाती गोमती अर्सा बाद खतरे के निशान के पास पहुंच रही है। कटान का दायरा भी बढ़ा है। चपेट में आने की आशंका वाले गांवों में दहशत का माहौल है। वर्षा का क्रम शनिवार को थमने से गोमती का जलस्तर भी स्थिर हुआ है। जलस्तर 83.220 दर्ज किया गया। वृद्धि अब नहीं हो रही है, फिर भी यह खतरे के निशान 84.735 से 1.515 मीटर नीचे है। नदी में उफान से तराई के गांवों में कटान हो रही है। जिन गांवों में पानी घुस गया है, वहां कच्चे मकानों पर कहर सा आ गया है और वे गिर रहे हैं। जिला मुख्यालय के सीताकुंड घाट पर भी पानी का दबाव बढ़ा है। घाट के मंदिर और उसकी सीढि़यों तक पानी है। धनपतगंज संवादसूत्र के अनुसार, उफनाई गोमती का फैलाव तेजी से बढ़ रहा है। तीन दिनों से बढ़ रही नदी ने तराई के कई गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। धनपतगंज-कुड़वार मार्ग पूरी तरह बाधित है। वाहनों का आवागमन ठप हो गया है। मुसीबत से घिरे लोगों की सुधि लेने वाला कोई नहीं है। शुक्रवार की शाम जासरपुर गांव जहां टापू बना गया वहीं रात गुजरते ही पानी के फैलाव की जद में गयादत्त का पुरवा, माधवपुर, भवानीपुर, औदहा, संडाव आदि गांव आ गए। फसलें डूब गई। मायंग-नौगंवा-कुड़वार मार्ग पर एक किलो मीटर तक पानी भरा है। पानी से घिरे गांवों में गंदगी के चलते बीमारियों की आशंका बढ़ती जा रही है। जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक दवा का छिड़काव नहीं कराया गया। जासरपुर गांव में लगी नाव का कुछ पता नहीं है, जिसके चलते 70 वर्ष की मनराजी को पानी में घुस कर दवा के लिए जाना पड़ा।
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ढहे कच्चे मकान, तीन जख्मी
दोस्तपुर संवादसूत्र के अनुसार, स्थानीय थानाक्षेत्र के सराय समोखपुर गांव में छप्पर गिरने से रामगोपाल (57) पुत्र मुन्नीलाल, विपिन, अंकित को जख्मी हो गए। ग्रामीणों ने पहुंचकर छप्पर के नीचे दबे लोगों को निकाला। गंभीर हालत में सभी सीएचसी दोस्तपुर पहुंचाया गया। वहीं दूसरी घटना उसी गांव में ही श्रीचंद्र पुत्र रामकुमार का खपरैला मकान भरभरा कर गिर गया, जिसमें हजारों का नुकसान हो गया। बल्दीराय संवादसूत्र के अनुसार, डेहरियावा गांव निवासी अजय कुमार उर्फ डंगू पुत्र विशराम विश्वकर्मा का घर शनिवार को बरसात की वजह से ढह गया। अब परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को विवश है। सूचना पर पहुंचे लेखपाल ने क्षति का आकलन किया।