पूर्व प्रधान व सचिव समेत पांच पर दर्ज होगी एफआइआर
सुलतानपुर: तमरसेपुर ग्राम पंचायत में विकास कार्य के लिए मिली धनराशि के गबन मामले में उच्च न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने पूर्व प्रधान शोभा देवी, पंचायत सचिव अशोक तिवारी, महेन्द्र प्रसाद यादव, बिजेन्द्र वर्मा व जगदीश प्रसाद तिवारी के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराए जाने का आदेश दिया है।
सामाजिक कार्यकर्ता अखिलेश कुमार ओझा की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति श्रीप्रकाश सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश दिया।
पूर्व में ग्राम पंचायत के नागरिकों ने प्रधान शोभा देवी, जगदीश प्रसाद तिवारी और पंचायत सचिव पर राज्य वित्त आयोग, मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), प्रधानमंत्री आवास योजना सहित विभिन्न योजनाओं में व्यापक पैमाने पर शासकीय धनराशि के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। शपथपत्र युक्त पत्र जिलाधिकारी को प्रेषित किया था।
2019 में तत्कालीन डीएम ने जिला सेवायोजन अधिकारी से मामले की जांच कराई। इसमें तत्कालीन प्रधान, पंचायत सचिव व अन्य दोषी पाए गए थे। जांच अधिकारी ने प्रधान व पंचायत सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जवाब से संतुष्ट न होने पर जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने 12 नवंबर 2020 को प्रधान शोभा देवी के समस्त वित्तीय और प्रशासनिक अधिकारों पर रोक लगा दी थी।
कोतवाल रवि कुमार सिंह ने बताया कि अभी हमें कोई आदेश नहीं मिला है, मिलने पर पालन किया जाएगा।