भ्रष्टाचार की आशंका, स्पोर्ट्स व पुस्तकालय ग्रांट की जांच शुरू
वित्तीय वर्ष 2018-19 व 2019-20 में पांच-पांच हजार रुपये की दर से जिले के सभी 1735 प्राथमिक विद्यालयों को एक करोड़ 73 लाख रुपये स्पोर्ट्स ग्रांट दिया गया था। वित्तीय वर्ष 2018-19 में पुस्तकालय के लिए इन सभी विद्यालयों को पांच हजार रुपये की दर से 87 लाख जारी किए गए।
सुलतानपुर : बेसिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए दी गई स्पोर्ट्स व पुस्तकालय ग्रांट घोटाले की भेंट चढ़ गई है। भ्रष्टाचार की आशंका के चलते दो वित्तीय वर्षों में खेल सामग्रियों की खरीदारी व पुस्तकालय सृजित करने जूनियर व प्राथमिक विद्यालयों को दिए गए करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये के ग्रांट की जांच शुरू कर दी गई है। इसकी रिपोर्ट जांच अधिकारियों को जल्द सौंपने के निर्देश भी दिए गए हैं।
वित्तीय वर्ष 2018-19 व 2019-20 में पांच-पांच हजार रुपये की दर से जिले के सभी 1735 प्राथमिक विद्यालयों को एक करोड़ 73 लाख रुपये स्पोर्ट्स ग्रांट दिया गया था। वित्तीय वर्ष 2018-19 में पुस्तकालय के लिए इन सभी विद्यालयों को पांच हजार रुपये की दर से 87 लाख जारी किए गए। वित्तीय वर्ष 2018-19 व 2019-20 में सभी 612 जूनियर विद्यालयों को दस-दस हजार रुपये की दर से एक करोड़ 22 लाख रुपये खेल के सामानों की खरीदारी के लिए दिया गया था। 2018-19 में पुस्तकालय बनाने के लिए दस-दस हजार रुपये की दर से 61 लाख रुपये जूनियर विद्यालयों के खाते में भेजे गए।
घटिया सामानों की खरीदारी का आरोप : पुस्तकालय व खेल सामानों की खरीदारी के लिए विद्यालय के खाते में भेजी गई इस छोटी सी रकम पर भ्रष्टाचार शुरू कर दिया गया। कमीशन कमाने के चक्कर में प्रधानाध्यापकों द्वारा कम दाम के घटिया खेल के सामानों की खरीदारी कर ली गई। मिलीभगत कर दुकानदार व फर्म को दिए गए चेक पर पूरा खर्च होना दिखा दिया गया। जिम्मेदारों के औचक निरीक्षण में गड़बड़झाला उजागर होने पर इस ग्रांट की जांच के निर्देश जारी कर दिए गए। बेसिक शिक्षा अधिकारी दीवान सिंह ने बताया कि सभी खंड शिक्षाधिकारियों व जिला व्यायाम शिक्षक से ग्रांट की जांच कराई जा रही है, जांच अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।