बारह लाख खर्च फिर भी नहीं खुले नाले
सुलतानपुर : मानसून आने वाला है, अभी तक नगर के 26 में से सिर्फ नौ बड़े नालों की सफाई की जा सकी है। जिन
सुलतानपुर : मानसून आने वाला है, अभी तक नगर के 26 में से सिर्फ नौ बड़े नालों की सफाई की जा सकी है। जिन इलाकों में जलनिकासी की सबसे अधिक परेशानी है, वहां तल्लीझार सफाई के नाम पर खानापूर्ति की गई है। चालू वित्तीय वर्ष के दो माह में नगर में सफाई व्यवस्था चाक चौबंद करने के लिए 12 लाख रुपये खर्च कर दिए गए। इसका असर कहीं भी नहीं दिख रहा है। पालिका के नाला सफाई अभियान की पड़ताल करती रिपोर्ट..।
पिछले साल नहीं हुई थी नालों की सफाई
नगर में पचीस वार्ड हैं। तकरीबन सभी वार्डों को मिलाकर कुल 26 बड़े नाले सफाई के लिए चिन्हित किए गए हैं। इसके लिए अलग से कोई बजट शासन स्तर पर आवंटित नहीं किया गया है। सत्र 2019-20 के लिए 65 लाख रुपये सफाई बजट आवंटित है। इसी बजट में नाला सफाई में आने वाले खर्च को भी जोड़ा जाएगा। पालिका के अधिशासी अधिकारी रवींद्र कुमार का कहना है कि यह सफाई फ्री में करवाई जा रही है। हर वार्ड से एक सफाई कर्मी की ड्यूटी नाला सफाई अभियान में लगाई गई है। लोकल फंड से दस जोड़ी लांग बूट खरीदकर कर्मियों को दिए गए हैं। बड़े नालों की सफाई जेसीबी से कराई जा रही है। पिछले साल नगर के एक भी नाले की सफाई नहीं कराई गई थी। बीते सत्र में नाला सफाई के मद में कितना बजट खर्च हुआ था यह वे नहीं बता सके। बीस जून तक सभी 26 नालों की सफाई करने का उन्होंने दावा किया है।
नागरिकों की जुबानी, सफाई की कहानी
शहर के दरियापुर, राईनगर, जीएन रोड, लाला का पुरवा व ईदगाह मुहल्लों में जलनिकासी की समस्या सबसे अधिक है। यहां के नाले सफाई के अभाव में पट गए हैं। जिससे हल्की सी बारिश होने पर पानी लोगों के घरों में घुसने लगता है। दरियापुर निवासी संतलाल, नरेश, विजय व आलोक शुक्ला का कहना है कि बारिश में जीवन नारकीय बन जाता है। तेज बारिश होने पर डेढ़ से दो फीट तक पानी घर के भीतर भर जाता है। राईननगर नाले से तकरीबन आधे शहर का पानी बहकर गभड़िया नाले में जाता है। अभी तक इसकी सफाई नहीं की गई है।
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