कृषि कानून के विरोध में सड़क पर उतरे किसान, पुलिस से नोकझोंक
प्रतीकात्मक अर्थी रोकने से कार्यकर्ता उग्र हुए। किसानों का तिकोनिया पार्क में जमावड़ा हुआ।
सुलतानपुर : जिले के कोने-कोने से आए सैकड़ों की संख्या में गुरुवार को किसानों का तिकोनिया पार्क में जमावड़ा हुआ। किसान बिल के विरोध में उन्होंने एकजुटता दिखाते हुए गोष्ठी की। दिल्ली में धरना दे रहे किसानों की मौत पर शोक जताते हुए प्रतीकात्मक अर्थी निकालते समय पुलिस कर्मियों से उनकी झड़प हो गई। पुलिस कर्मियों ने पुतला छीन लिया, जिससे नाराज किसानों ने शहर की सड़कों पर प्रदर्शन कर इसका विरोध जताया।
भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन के जिलाध्यक्ष योगेंद्र श्रीवास्तव के संयोजन में सुबह से ही किसान तिकोनिया पार्क में पहुंच धरना दिया। किसान बिल को अन्नदाताओं का विरोधी बताते हुए जमकर नारेबाजी की। धरने को संबोधित करते हुए संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हृदयराम वर्मा ने कहा कि सरकार पूंजीपतियों के हाथ में किसानों की फसल कम दाम में बेचने का मसौदा तैयार कर रही है। इससे किसान भुखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे। यहां से निकलकर किसान कलेक्ट्रेट के सामने अपने कार्यालय पहुंच दिल्ली के धरने में दिवंगत किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रतीकात्मक अर्थी निकालने की तैयारी में थे। पुलिस को इसकी भनक लगते ही भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। इसके बाद किसानों द्वारा बनाए गए लगभग साठ पुतले पुलिस ने छीन लिए। इस दौरान किसानों व पुलिस कर्मियों के बीच जमकर नोकझोंक हुई।
इसके बाद नाराज किसानों ने नारेबाजी करते हुए शहर के बस अड्डा, जिला अस्पताल, चौक, शाहगंज चौराहा, डाकखाना चौराहा होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। परिसर में हंगामा न हो इसलिए प्रशासनिक अमले में कलेक्ट्रेट का मुख्य द्वार बंद करवा दिया। काफी मान-मनौव्वल किसान माने और अपना धरना समाप्त किया। इस मौके पर रामकरन सिंह, रामपियारे यादव, हंसराज यादव आदि मौजूद रहे।
बगैर महिला पुलिस के जवानों ने छीना पुतला :
संगठन कार्यालय में लगभग साठ प्रतीकात्मक पुतले रखे थे। पुलिस कर्मियों को इसकी जानकारी नहीं थी। धरने में शामिल सैकड़ों की संख्या में महिलाएं तिकोनिया पार्क से सीधे कार्यालय पहुंची और प्रतीकात्मक अर्थी कंधे पर रख निकलने लगी। तभी नगर कोतवाल मौके पर पहुंचे। महिला पुलिस कर्मी साथ नहीं थी। बावजूद इसके महिलाओं से छीना झपटी कर पुतला छीन लिया।