लॉकडाउन में किसानों ने बढ़ा दिया गन्ने की खेती का रकबा
मोतिगरपुर (सुलतानपुर) यूं तो जिले में गन्ने की खेती बड़े पैमाने पर होती है लेकिन बीते कु
मोतिगरपुर (सुलतानपुर) : यूं तो जिले में गन्ने की खेती बड़े पैमाने पर होती है, लेकिन बीते कुछ वर्षो से मजदूरों की कमी के चलते किसानों ने रकबा कम कर दिया था, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते घर लौटे प्रवासी श्रमिकों के घर आ जाने पर खेतों में काम करने वालों की संख्या बढ़ी तो रकबा भी बढ़ा दिया। किसानों का मानना है कि चीनी मिल न चलने की स्थिति में भी गुड़ बनाकर बेचा जा सकता है।
गन्ने की खेती करने के लिए अधिक आदमियों की जरुरत पड़ती है। बुआई से लेकर गोड़ाई व गन्ना काटने, छीलने में जितने अधिक मजदूर होते हैं काम उतना ही अधिक सुगम होता है। विकास खंड के गोरसरा गांव के किसान शिवचरन वर्मा हर साल दो बीघे गन्ना बोआई करते थे, पहले ये खुद व एक बेटे के साथ खेत में काम करते थे। इस बार परदेस से दूसरा बेटा भी परिवार समेत लौटा तो उसे चार बीघे तक बढ़ा दिया है। इसी प्रकार क्षेत्र के भैरोपुर गांव के किसान राम जतन वर्मा कहते है कि गांव में मजदूर न मिल पाने से दिक्कत होती थी, पर अबकी बार बोआई के समय गांव में प्रवासी मजदूरों के आ जाने से गांव में ही मजदूर मिल गए। जिससे रकबा बढ़ाया गया है। क्षेत्र किसान रामपाल, छोटेलाल ने बताया कि चीनी मिल में पर्ची की समस्या हुई तो इस बार गुड़ तैयार कर बेचा जाएगा। इसमें भी मुनाफा पूरा होगा।
56800 हेक्टेयर हुई बोआई
जिला गन्ना अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष 54800 हेक्टेयर बोआई हुई थी। इस बार दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जुलाई में रकबा और बढ़ने की संभावना है।