आजीविका से आगे स्वावलंबन की ओर बढ़ रही महिलाएं
संवादसूत्र, सुलतानपुर : ग्रामीण महिलाओं में आजीविका चलाने की हो रही कोशिशें उन्हें स्वा
संवादसूत्र, सुलतानपुर : ग्रामीण
महिलाओं में आजीविका चलाने की हो रही कोशिशें उन्हें स्वावलंबी भी बना रही हैं। स्वयं सहायता समूहों में संगठित होने के बाद महिलाएं 'पंचसूत्र' के जरिए आत्मनिर्भर बनने की राह पकड़ रही हैं। जिले में एनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के तहत अब तक 765 समूहों का गठन हुआ है। इन समूहों के सदस्यों की संख्या 1823 है। वित्तीय वर्ष 2015-16 से जिले में
एनआरएलएम संचालित है। जिले के 14 विकास खंडों में 11 विकास खंड मिशन के तहत इंटेसिव (सघन) तथा तीन नान इंटेसिव के रूप में चयनित हैं। इन सभी विकास खंडों में 986 ग्राम पंचायतें व 1727 राजस्व ग्राम हैं। सभी सघन घोषित विकास खंडों में महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों में संगठित कर उनके आर्थिक विकास एवं सामाजिक स्तर पर मजबूत करने की कोशिशें हो रही हैं। आजीविका के लिए किए जा रहे कार्यों में महिलाओं ने कुटीर उद्योग सहित कृषि के आधुनिक तौर-तरीकों को भी अपने आर्थिक विकास का माध्यम बनाया है। विकास खंड धनपतगंज की तमाम महिलाएं आधुनिक पद्धति से खेती कर रही हैं। यहां की गायत्री देवी ने रामा स्वयं सहायता समूह के जरिए कागज का दोना-पत्तल बनाने की फैक्ट्री डाली है। दूबेपुर विकास खंड की ग्राम बहलोलपुर निवासी किरन ने आंच स्वयं सहायता समूह के जरिए आजीविका के साधन के रूप में फुल्की का व्यवसाय शुरू किया है। एकता समूह के जरिए देहली ग्राम पंचायत की मालती यादव ने वस्त्रों की बड़े पैमाने पर सिलाई का कार्य कर स्वावलंबी जीवन जी रही हैं। ये हैं पंचसूत्र महिलाओं को संगठित कर समूह बनाने और आर्थिक उन्नति के लिए पांचसूत्र बनाए गए हैं।
नियमित साप्ताहिक बैठक, नियमित साप्ताहिक बचत। आंतरिक ऋण का लेनदेन, उधार की वापसी तथा सही लेखाजोखा इनकी नियमित कार्यपद्धति में शामिल है।
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-निर्धन महिलाओं को चिन्हित कर उन्हें समूह से जोड़ने व आजीविका के संसाधन का रास्ता दिखाने में मिशन पूरी तरीके से प्रयासरत है। समूह में आर्थिक मदद सूक्ष्म ऋण के रूप में उपलब्ध कराया जा रहा है। मिशन का विस्तार भी किया जा रहा है।
-रामराज सरोज, जिला प्रबंधक-एनआरएलएम