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डीएम के आदेश पर हाईकोर्ट का स्थगनादेश

संवादसूत्र, लम्भुआ (सुलतानपुर) : स्कूल के नाम पर सांसद-विधायक निधि के 32 लाख रुपये का गबन के म

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Jul 2018 11:26 PM (IST)Updated: Mon, 09 Jul 2018 11:26 PM (IST)
डीएम के आदेश पर हाईकोर्ट का स्थगनादेश
डीएम के आदेश पर हाईकोर्ट का स्थगनादेश

संवादसूत्र, लम्भुआ (सुलतानपुर) : स्कूल के नाम पर सांसद-विधायक निधि के 32 लाख रुपये का गबन के मामले में मान्यता रद्द करने व रिकवरी के जिलाधिकारी के फैसले पर हाईकोर्ट ने स्थगनादेश पारित कर दिया है। कहा है कि डीएम विद्यालय प्रबंधन के पक्ष को सुनकर ही अपना निर्णय दें। प्रकरण कोथराकला स्थित लालजी ¨सह शिक्षण संस्थान से जुड़ा है।

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जिलाधिकारी विवेक ने बीते दिनों इस विद्यालय के मान्यता प्रत्याहरण और जनप्रतिनिधियों से ली गयी निधि की रकम वसूलने के आदेश दिए थे। इस मामले पर विद्यालय के प्रबंधक संतोष ¨सह ने उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में एक याचिका दायर की थी। याचिका में प्रमुख सचिव-बेसिक शिक्षा, जिलाधिकारी, बीएसए व मुख्य विकास अधिकारी आदि को पक्षकार बनाया गया था। याचिका में आरोप लगाया था कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उन्हें बिना सुने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी ने एकतरफा आदेश कर दिया था। इस मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश विवेक चौधरी ने कहाकि विद्यालय का पक्ष जाने बिना किया गया यह आदेश उचित नहीं है। लिहाजा, अदालत ने जिलाधिकारी के सात जून के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमे उन्होंने विद्यालय के मान्यता प्रत्याहरण व निधि की वसूली के लिए मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया था। अदालत ने कहा है कि समय सीमा के भीतर मामले का निस्तारण सुनिश्चित किया जाय। ये है मामला ..

कोथराकला स्थित लालजी शिक्षण संस्थान के प्रबंधन पर आरोप है कि स्थानीय सांसद रहे जयभद्र ¨सह, विधायक शैलेंद्र प्रताप ¨सह व पूर्ववर्ती विधायक विनोद ¨सह की विाकस निधियों से करीब 32 लाख रुपये की राशि प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय के निर्माण के नाम पर गबन कर ली गई। प्रकरण संज्ञान में आने के बाद जिलाधिकारी विवेक ने मामले की जांच कराई। पुष्टि होने पर मान्यता प्रत्याहरण व सरकारी निधि की रिकवरी की कार्यवाही के आदेश दिए। जांच एवं कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए विद्यालय प्रबंधन ने अदालत की शरण ली, जहां से उन्हें फिलहाल राहत मिल गई है।


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