Move to Jagran APP

बारिश थमते ही डंक मारने लगी मच्छरों की फौज

?????????? ????????? ????? ???? ?? ??? ?? ??????? ?? ??? ???? ?? ??? ??? ?? ?? ?????-??????? ???? ???? ??? ???? ??? ??? ???? ?? ??????? ????????? ??? ???? ???? 21 ??? ?? ?? ????? ?? ???? ??? ? ???? ??? ????? ?? ?? ?????? ?? ??? ?? ?? ???? ??? ??????? ?? ????? ?? ????? ?? ??? ????????? ??????? ?? ??? ?? ??? ?????????? ???????? ???? ?? ?? ??? ???

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 10:20 PM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 06:05 AM (IST)
बारिश थमते ही डंक मारने लगी मच्छरों की फौज
बारिश थमते ही डंक मारने लगी मच्छरों की फौज

सुलतानपुर : बारिश थमने के बाद अब मच्छरों की फौज तेजी से बढ़ रही है, जो डेंगू-मलेरिया जैसे घातक रोग फैला रही है। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले 21 लोग अब तक डेंगू की चपेट में आ चुके हैं, इनमें से दो मरीजों की जान भी जा चुकी है। मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए जिम्मेदार विभागों की ओर से ठोस निरोधात्कम कार्रवाई नहीं की जा रही है।

loksabha election banner

गत वर्ष सितंबर-अक्टूबर के दौरान जिले में डेंगू बुखार ने आतंक मचा रखा था। 36 लोग इसकी चपेट में आए थे। इस बार भी कमोवेश वैसे ही हालात बन रहे हैं। 11 अक्टूबर तक पीपी कमैचा, कादीपुर, धनपतगंज, भदैंया, मोतिगरपुर व कूरेभार विकास खंड क्षेत्रों में डेंगू बुखार के 21 मरीज मिले। जयसिंहपुर क्षेत्र के नथईपुर गांव निवासी डेंगू पीड़ित छात्रा जूही गिरि व अखंडनगर के भेलारा का पुरवा निवासी किसान अंकुर यादव की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। धनपतगंज ब्लॉक क्षेत्र के भीखरपुर की सीमा यादव, शहर के गभड़िया निवासी राकेश यादव, विनोबापुरी के मृत्युंजय व कूरेभार ब्लॉक के मझवारा निवासी निशांत मिश्र के खून की जांच में डेंगू के प्रारंभिक लक्षण मिले हैं। इनका इलाज जिला अस्पताल से चल रहा है।

डेंगू वार्ड में अव्यवस्था का आलम

जिला अस्पताल के आपदा प्रबंधन कक्ष को डेंगू वार्ड के तौर पर आरक्षित किया गया है। 10 शैय्या की क्षमता वाले इस कक्ष में केवल नौ बेड हैं। यहां पर अव्यवस्था का आलम है। कक्ष में पानी और कूड़ादान की सुविधा भी नहीं है। हर प्रकार के रोगियों को वार्ड में भर्ती किया गया है।

ढूंढते रह जाएंगे बुखार हेल्प डेस्क

बुखार पीड़ितों की सहायता के लिए जिला अस्पताल में गठित की गई बुखार हेल्प डेस्क निष्क्रिय है, जिससे मरीजों को त्वरित उपचार व जांच की सुविधा नहीं मिल पा रही है। कई दिन तक अस्पताल का चक्कर लगाने के बाद डेंगू के संदिग्ध मरीजों की जांच हो पाती है। तब तक रोग बढ़ जाता है।

ऐसे करें बचाव

शरीर को ढक कर रखें।

मच्छरदानी का प्रयोग करें।

मच्छरमार दवा इस्तेमाल करें।

स्थिर पानी के सभी स्त्रोतों को हटा दें।

हर दूसरे दिन गमलों और कटोरों का पानी बदलें।

नालियों की नियमित सफाई करें और कीटनाशक दवा डालें।

संदिग्ध मरीज पूरी तरह से आराम करें।

खूब पानी पिएं, नारियल पानी व फलों के जूस का अधिक सेवन करें। डेंगू से घबराने की जरूरत नहीं है। इसका इलाज पूरी तरह से संभव है। डेंगू पीड़ितों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की सुविधा ब्लड बैंक में उपलब्ध है। जिला अस्पताल के आरक्षित वार्ड में व्यवस्था ठीक कराई जाएगी।

-डॉ. सीबीएन त्रिपाठी, सीएमओ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.