मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं के बदले लिया जा रहा सुविधा शुल्क
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संवादसूत्र, सुलतानपुर : जिला महिला अस्पताल में मरीजों से पग-पग पर सुविधा शुल्क लिया जा रहा है। आपरेशन, अल्ट्रासाउंड व सामान्य प्रसव आदि निश्शुल्क सेवाओं के बदले वसूली की जा रही है। आलम यह है कि अल्ट्रासाउंड जांच करने के लिए सौ से डेढ़ सौ रुपये लिए जा रहे हैं। पैसे देने वाले मरीजों का ही नंबर लगाया जाता है। चिकित्सकों व कर्मियों की मिलीभगत से धन उगाही का यह खेल वर्षों से चल रहा है। अस्पताल प्रशासन इस अंधेरगर्दी पर अंकुश लगाने में फेल नजर आ रहा है।
अमेठी जिले के संग्रामपुर निवासी महेश कुमार का कहना है कि उनकी पत्नी मीना देवी का प्रसव कराने के लिए एक हजार रुपये लिए गए। इसी तरह से सिजेरियन वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों के रिश्तेदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आपरेशन के पूर्व उनसे एक से दो हजार रुपये वसूले गए। टांके काटने और मरहम-पट्टी के लिए भी शुल्क ले लिया जाता है। पैसे न देने वाले मरीजों के इलाज में लापरवाही की जाती है। उधर, अल्ट्रासाउंड के लिए एक दिन पहले रजिस्ट्रेशन कराने की बाध्यता कर दी गई है। प्रतिदिन सिर्फ 30 मरीजों की ही जांच की जाती है। सूत्रों के मुताबिक ऐसा इसलिए किया गया है ताकि दूर-दराज क्षेत्रों से जांच को आने वाले मरीज सुविधा शुल्क देने को मजबूर हो जाएं। वहीं जन्म प्रमाण पत्र के बदले पचास व नियमित टीकाकरण के लिए भी तीस रुपये वसूले जा रहे हैं।
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इलाज में कोताही से घाव में हो रहा संक्रमण
कादीपुर तहसील क्षेत्र के रानीपुर कायस्थ निवासी शिखा श्रीवास्तव का 29 अक्टूबर को सिजेरियन आपरेशन किया गया था। उनकी सास पुष्पा कहती हैं कि अपेक्षित देखरेख के अभाव में तीन टांके पक गए थे, दोबारा टांके लगाने पड़े। धनपतगंज ब्लाक के गौरी का पुरवा निवासी लालती यादव का पांच नवंबर को आपरेशन से प्रसव कराया गया था। उनके टांकों में भी संक्रमण हो गया है। उनकी ननद कुसुम का कहना है कि जिस डॉक्टर ने आपरेशन किया था, वह नौ दिन में एक बार भी देखने नहीं आए।
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लोगों को जागरूक करने के लिए परिसर की दीवारों पर चिकित्सा व जांच सेवाएं मुफ्त उपलब्ध होने की सूचना लिखवाई गई है। सुविधा शुल्क लेने के आरोप गलत हैं। यदि कोई अपनी मर्जी से किसी को पैसे दे दे तो क्या किया जा सकता है। कुछ मरीजों को आपरेशन के बाद संक्रमण हो जाता है। यह सामान्य प्रक्रिया है।
-डॉ. उर्मिला चौधरी, सीएमएस।