निर्माण कार्य की कछुआ चाल, जिलेवासी बेहाल
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सुलतानपुर : लखनऊ-वाराणसी फोरलेन के सुलतानपुर-वाराणसी खंड का निर्माण कार्य बेहद सुस्त रफ्तार से चल रहा है। कार्यदायी फर्म की इस सुस्ती का दंश जिलेवासियों को झेलना पड़ रहा है। अमहट से लेकर जौनपुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र तक सड़क किनारे बसे गांवों में जल निकासी का संकट खड़ा हो गया है। क्योंकि सड़क चौड़ीकरण के चलते पुरानी नालियों का अस्तित्व समाप्त हो गया है। चार साल बीत गया अभी तक इन नालियों का पुनर्निर्माण नहीं किया जा सका। जिससे आबादी वाले इलाकों में जलभराव हो रहा है। इससे संक्रामक रोग फैलने का खतरा उत्पन्न हो गया है, मच्छर भी बड़ी तादाद में पनप रहे हैं।
सुलतानपुर-वाराणसी फोरलेन का निर्माण कार्य वर्ष 2014 में शुरू किया गया था। जिले में करीब 54 किमी तक सड़क अभी निर्माणाधीन है। अमहट चौराहे से लेकर प्रतापपुर कमैचा ब्लॉक के सोनावां गांव तक फोरलेन निर्माण अधूरा है। शहर से सटे गोराबारिक, अमहट, पयागीपुर व लोहरामऊ समेत सैकड़ों स्थानों पर नालियों का निर्माण पूरा नहीं किया जा सका है। बीच-बीच में नई सड़क बना दी गई है। जिससे बस्तियों से निकलने वाला पानी जगह-जगह एकत्रित हो रहा है। अमहट स्थित कांशीराम आवासीय कालोनी के पास जलभराव से झील बन गई है। गंदे पानी से उठने वाली दुर्गंध से इलाके का वातावरण दूषित हो रहा है। मच्छरजनित रोग फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है। जबकि इसी क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय, एआरटीओ दफ्तर, सीएमओ कार्यालय व डब्ल्यूएचओ का आफिस भी है।
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विवाद की वजह से सड़क और नाली निर्माण का काम अधूरा पड़ा है। स्थानीय प्रशासन का सहयोग न मिलने से निर्माण कार्य पूरा कराने में विलंब हो रहा है।
-एसबी सिंह, परियोजना निदेशक।