स्वच्छता की प्रतिस्पर्धा में गंदगी पड़ रही भारी
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संवादसूत्र, सुलतानपुर : स्वच्छता मिशन के तहत शुरू अभियान की अवधि का एक तिहाई समय समाप्त हो गया है। अभी तक यह भी तय नहीं हो सका है कि इन तीस दिनों में खास क्या करना है? पंद्रह नवंबर से पंद्रह दिसंबर तक नगर परिषद क्षेत्र और तीनों नगर पंचायतों में स्वच्छ वार्ड प्रतिस्पर्धा अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान इन क्षेत्रों में विशेष साफ-सफाई की जानी है। दस दिन बीत जाने के बाद भी शहर की साफ-सफाई की तस्वीर जस की तस है। सड़कों के किनारों पर कूड़ों के ढेर और उसके उठान में देरी का आलम जारी है। यानि स्वच्छता की प्रतिस्पर्धा में गंदगी भारी पड़ रही है।
शहरी स्वच्छता के इस विशेष अभियान में नगर परिषद सहित रोटरी क्लब ट्रांसगोमती, स्वच्छता मिशन नगरीय के जिला कार्यक्रम प्रबंधन डूडा सहित अन्य संस्थाओं का सहयोग लिया जा रहा है। अभियान के तहत अभी तक सभी मुहल्लों में स्वच्छ वार्ड प्रतिस्पर्धा प्रोत्साहन समितियां सक्रिय नहीं हो सकी हैं। लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक करना अभियान का मुख्य कार्यक्रम है। आमजनों की जागरूकता के लिए कुछ खास नहीं किया गया। अभियान के बाद कूड़ादान आने की संभावना
नगर परिषद संसाधनों का रोना रोता है। घरों से निकला कूड़ा लोग कूड़ेदान में डालें, इसके लिए तीन वर्ष पूर्व पूरे नगर क्षेत्र में जगह-जगह रखे गए रिफ्यूज कलेक्टर (लोहे का कंटेनर) का अस्तित्व खत्म हो रहा है। दर्जनों कंटेनर निष्प्रयोज्य हो गए हैं। इनमें पड़ा कूड़ा में आग लगा देने से सारे कंटेनरों के पहिए जल गए हैं और इनमें पड़ा कूड़ा ढोया जाना ठप हो गया है। नगर परिषद 250 डस्टबिन खरीदने की तैयारी में है। इन्हें कहां लगाया जाएगा, यह अभी तय नहीं है। -डस्टबिनों की आपूर्ति शासन की ओर से की जाएगी। यह कब तक होगी? फिलहाल तय नहीं है। स्वच्छता अभियान की निगरानी परिषद प्रशासन कर रहा है।
-बबिता जायसवाल, नगर परिषद अध्यक्ष