संसाधन के अभाव में स्वच्छता अभियान को झटका
संवादसूत्र, लम्भुआ (सुलतानपुर) : लम्भुआ तहसील मुख्यालय इन दिनों गंदगी के ढ़ेर से घिरा है। जगह
संवादसूत्र, लम्भुआ (सुलतानपुर) : लम्भुआ तहसील मुख्यालय इन दिनों गंदगी के ढ़ेर से घिरा है। जगह-जगह लगे कूड़े के ढ़ेर से महामारी की आशंका है। फिर भी सफाई के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गयी है। हालात यह है कि तहसील की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत होने के बावजूद सिर्फ दो सफाईकर्मी तैनात हैं। कूड़ा निष्पादन के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है।
करीब तीन किमी क्षेत्रफल में फैले लम्भुआ ग्राम में कुल 15 वार्ड हैं। जिनमें करीब 10 हजार से ज्यादा की आबादी निवास करती है। प्रतिदिन करीब एक टन कूड़ा घरों और दुकानों से निकलता है। नाली सफाई और शौचालय टैंक से निकले कचरे का मलबा अलग है। हालात यह है कि कस्बावासी यहां-वहां कूड़ा फेंकते रहते हैं। कस्बे की पुरानी आबादी के समीप दियरा रोड के नजदीक एक खंडहर के सामने कूड़े का अंबार लगा हुआ। इसी दूषित वातावरण में लोगों को गली से गुजरना होता है। तहसील के नए भवन के ठीक सामने, बीआरसी दफ्तर और प्राथमिक विद्यालय प्रथम के बगल भी काफी दूर तक कूड़े का ढ़ेर है। हाईवे किनारे भी कूड़े के ढ़ेर नागरिकों, राहगीरों, दुकानदारों, ग्राहकों के लिए मुसीबत बने हुए हैं।
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सीमित साधन से हो रहा काम
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विजय अग्रहरि के मुताबिक गांव में सफाई सामग्री के नाम पर दो ठेलिया, फावड़ा, गैता आदि थोड़ी सामग्री ही है। जिनसे सफाई के काम चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि गांव में सिर्फ दो सफाईकर्मी ही हैं हालांकि कभी कभी टीम लगाकर सफाई की जाती है, जिसमें दो न्याय पंचायतों के सफाईकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है।
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गंदगी की कहानी, बा¨शदों की जुबानी
-कस्बा के अमित बरनवाल पुरानी बस्ती के निवासी हैं। कहते हैं गांव में सफाई नगण्य है। दुर्गंध से जीना दुश्वार हो गया है। दियरा रोड निवासी सुभाष मिश्र कहते हैं कि कस्बे में सफाई नियमित होनी चाहिए, ताकि लोग साफ वातावरण में रह सकें। निमेष अग्रहरि कहते हैं कि पुरानी आबादी में खासी दिक्कत है। कस्बा निवासी शालू अग्रहरि ने सफाई व्यवस्था में सुधार की मांग की है।
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