अवैध पटाखा निर्माताओं व बिक्री को रोकना चुनौती
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सुलतानपुर : दीपावली के मद्देनजर पटाखों की दुकान लगाने के बावत लाइसेंस पाने के लिए कलेक्ट्रेट में बड़ी तादाद में लोगों ने आवेदन करना शुरू कर दिया है। जहां इन आवेदनों का परीक्षण कर अस्थायी रूप से पटाखा बेचने का लाइसेंस देने की जिम्मेदारी प्रशासनिक अधिकारियों पर है। वहीं जिले में अवैध रूप से निर्मित हो रहे पटाखों और उनकी बिक्री को रोकने की भी चुनौती अफसरों के समक्ष है, लेकिन अभी अधिकारियों ने इसके लिए कोई कार्ययोजना नहीं बनाई है। जिले में अवैध रूप से चल रही पटाखा फैक्ट्रियों व बगैर लाइसेंस के चोरी-छिपे पटाखा बेचने वालों को चिह्नित तक नहीं किया गया है। ऐसे में दीवाली के दौरान अवैध पटाखे की बिक्री व निर्माण को रोक पाना प्रशासन के लिए कड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
जिलेभर में कुल 106 पटाखा विक्रेता लाइसेंसधारी हैं। जिनका पंजीयन असलहा कार्यालय में है। 27 ऐसे लाइसेंसधारी हैं जो पटाखों का निर्माण और बिक्री करते हैं। सबसे ज्यादा लाइसेंसधारी कोतवाली नगर व कुड़वार में सोलह-सोलह, गोसाईंगंज में दस, धम्मौर में पंद्रह, बल्दीराय तेरह, कोतवाली देहात चार, कादीपुर सात, दोस्तपुर दो, मोतिगरपुर छह, अखंडनगर एक, लम्भुआ सात, चांदा दस और जय¨सहपुर में चार लोगों को सरकारी तौर पटाखे का कारोबार करने के लिए अनुमति मिली है।
दीवाली पर तीन दिनों के लिए मिलेगा बिक्री लाइसेंस : पांच, छह और सात नवंबर को पटाखा बिक्री करने वालों को इससे पहले ही विभाग से अस्थायी लाइसेंस लेना होगा। आगामी हफ्ते इसकी प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। अभी से पहुंच रहे प्रार्थनापत्रों की जांच व रिपोर्ट प्रेषित करने की जिम्मेदारी सीओ व एसडीएम को सौंपी गई है। इनकी रिपोर्ट आने के बाद जिलाधिकारी पटाखा कारोबारियों की संख्या के निर्धारण और बिक्री की अनुमति प्रदान करने की संस्तुति करेंगे।
कोट
अवैध आतिशबाजी व पटाखों के कारोबारियों पर नजर रखने व कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। एसडीएम और सीओ उनकी जांच करेंगे।
-हर्षदेव पांडेय, एडीएम प्रशासन