'नमामि गंगे'से जगी आस, गोमती में दौड़ेगी स्टीमर
केंद्र सरकार के बजट में परिवहन को बड़ा मद मिलने की घोषणा से नमामि गंगे प्रोजेक्ट के धर
केंद्र सरकार के बजट में परिवहन को बड़ा मद मिलने की घोषणा से नमामि गंगे प्रोजेक्ट के धरातल पर उतरने की आस जग गई है। वाराणसी-लखनऊ वाया सुलतानपुर के रास्ते जलमार्ग यात्रा शुरू किए जाने की कवायद ने जिलेवासियों के चेहरे पर रौनक ला दी है। इससे लोगों को आवागमन में सहूलियत मिलने के साथ कारोबार के क्षेत्र में भी बड़ा इजाफा होगा। रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
सत्र 2016-17 में शासन ने वन विभाग से प्रस्ताव मांगा था। जिसमें गोमती नदी की भौगोलिक स्थिति देने की बात कही गई थी। इसी के साथ दिल्ली से आई टीम ने नदी का मौका मुआइना किया था। जिसमें किनारों पर चिन्हांकन पट लगाया गया था। पर्यावरण पार्क के निकट एक स्थान पर निशानदेही की गई थी। वन विभाग को प्रस्ताव में मंदिरों में जमा हो रहे कचरे की स्थिति भी देने को कहा गया था। तत्कालीन रेंजर एसके तिवारी की तरफ से रिपोर्ट तैयार की गई थी। डीएफओ केसी बाजपेई के निर्देश पर इसे शासन को प्रेषित किया गया था। परिवहन विभाग को बड़ा हिस्सा मिलने से गोमती में स्टीमर चलाने की कवायद को बल मिला है। जिलेवासी जलमार्ग का उपयोग करने के लिए लालायित हो उठे हैं।