जिपं में जमकर हंगामा, मिनटों में पास हुआ बजट
संवादसूत्र, सुलतानपुर : मंगलवार को जिला पंचायत की बैठक में सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। वे एक-एक ¨बद
संवादसूत्र, सुलतानपुर : मंगलवार को जिला पंचायत की बैठक में सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। वे एक-एक ¨बदु पर चर्चा करना चाहते थे। कार्यवाही के दौरान एक दूसरे पर तीखे शब्दों की बौछार हो रही थी। जहां जिला पंचायत अध्यक्ष के समर्थक सदस्य जल्द से जल्द सदन में 2018-19 की कार्ययोजना की सभी औपचारिकताओं को पूरे कर लेने की जल्दी में थे, वहीं विपक्षी सदस्य ¨बदुवार बहस की मांग कर रहे थे। इसी बीच भारी शोर-शराबे के बीच मेज थपथपाकर 44.7 करोड़ का बजट पारित होने की घोषणा हो गई। ..और बैठक समाप्त हो गई।
बैठक शुरू करने का वक्त दोपहर बारह बजे तय किया गया था। तकरीबन पंद्रह मिनट देर से सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, जिला पंचायत सदस्य अजय जायसवाल ने समितियों के अधिकार और पिछली कार्यवाही पर चर्चा की मांग की। इस पर अपर मुख्य अधिकारी ने समितियों के भंग होने और हाईकोर्ट द्वारा उस पर स्टे दिए जाने के वक्तव्य से बवाल खड़ा हो गया। विधायक सूर्यभान ¨सह व देवमणि और सीडीओ राधेश्याम की मौजूदगी में संबंधित विभागों के अफसरों और सभी जिला पंचायत सदस्यों से सदन खचाखच भरा था। एक-एक की ओर इशारा करते हुए अजय जायसवाल सदन की मर्यादा और नैतिकता का पाठ पढ़ा सभी मुद्दों पर सार्थक बहस की मांग कर रहे थे। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा ¨सह अपर मुख्य अधिकारी को सदन की कार्यवाही शीघ्र पूरा करने के लिए इशारा करती देखी जा रही थीं। उनका हौसला उनके समर्थक सदस्य बढ़ा रहे थे। विधायक सूर्यभान ¨सह बीच में कई बार अपनी कुर्सी से उठ खड़े हुए और बैठक खत्म करने की बात करते रहे। जब उन्हें लोगों ने कहाकि अभी बजट तो पास ही नहीं हुआ, पास कराकर जाइए, तब वे फिर कुर्सी पर बैठ गए। करीब 20 से 22 मिनट की कुल बैठक में किसी भी मुद्दे पर बहस पूरी नहीं हो सकी। एक ही ¨बदु पर लोग अटके पड़े रहे। अचानक जिपं अध्यक्ष ने मेज थपथापाई, कहा सभी कार्ययोजना के साथ बजट पारित हुआ और सब उठ खड़े हुए। बैठक के समापन की घोषणा कर दी गई। सदन में 2018-19 का पुनरीक्षित बजट 44.7 करोड़, वर्ष 2017-18 में शवदाह गृह निर्माण, बेलदारों की दैनिक मजदूरों में वृद्धि, कारखानों के लाइसेंस दरों में वृद्धि, कांजी हाउस की पुर्नस्थापना, मनरेगा योजना से संबंधित प्रस्ताव भी पास किए गए। इसी साल के विभव एवं संपत्ति कर प्रस्तावना की सूची, जलस्त्रोतों को प्रदूषण से मुक्त रखने एवं भवन निर्माण के मानचित्र संबंधी उपविधियों का अनुमोदन हुआ। आज तो लोकतंत्र की हत्या हो गई
जिला पंचायत सदस्य यशभद्र ¨सह व अजय जायसवाल ने संयुक्त रूप से मंगलवार को जिला पंचायत की बैठक की कार्यवाही को लोकतंत्र की हत्या करार दिया। सदस्यों ने कहाकि 26 मई 2017 के बाद सालभर तक जब कोई बैठक नहीं हुई तो इस बीच किस अधिकार से कार्य कराए गए। जिपं सदस्यों ने कमिश्नर द्वारा विभिन्न समितियों को भंग किए जाने के आदेश पर चर्चा न करने पर जिपं अध्यक्ष के रवैये पर सवाल उठाया। उनके निशाने पर अपर मुख्य अधिकारी रामनिहोर प्रसाद भी रहे। बैठक खत्म होने के बाद यशभद्र ¨सह अपर मुख्य अधिकारी से अलग से वार्ता करना चाहते थे, उनके बार-बार बुलाने पर जब वे नहीं आए तो मामला एसडीएम सदर तक पहुंचा। फिर उन्होंने एएमए को बुलवाया। दोनों सदस्यों ने निष्पक्ष व पारदर्शी कार्य कराए जाने का आश्वासन मांगा और सभी सदस्यों के क्षेत्र में कार्य कराए जाने की मांग की। सदस्य की पेशकश पर अध्यक्ष ने मांगा इस्तीफा
जिला पंचायत सदस्य राजीव पांडेय चर्चा के दौरान नाखुश दिखे और उन्होंने अध्यक्ष से इस्तीफा देने की पेशकश कर डाली। जिस पर यशभद्र ¨सह ने राजीव को ललकारा, कहाकि बार-बार कहने से अच्छा है कि इस्तीफा दे ही दो। तब तक जिपं अध्यक्ष ऊषा ¨सह ने राजीव से लिखित में इस्तीफा मांग लिया। यह सुनकर वे अवाक रह गए..। लाठी पटकती रही पुलिस
जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद सदन की यह पहली बैठक थी, जिसे लेकर लोगों में जबरदस्त उत्सुकता थी। सदन की कार्रवाई देखने के लिए गैर आमंत्रित लोग भी परिसर में जमा हो गए। सुरक्षा की ²ष्टि से सतर्क प्रशासन पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती कर रखा था। जब भीड़ जमा हुई और वे जिपं हॉल की तरफ बढ़ने लगे तो उन्हें भागने के लिए लाठियां जमीन पर पटकनी पड़ी। सूचना पर एएसपी मीनाक्षी कात्यायन, सीओ सिटी श्याम देव ¨बद, एसडीएम सदर प्रमोद पांडेय आदि भी पहुंच गए। एसडीएम ने माइक हाथ में लेकर कड़े शब्दों में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व सदन में तैनात कर्मचारियों और मीडिया कर्मियों के अलावा सभी लोगों को बाहर जाने को कहा।