सौभाग्य से मिलता है मानव जन्म व मोक्ष
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संवादसूत्र, लम्भुआ (सुलतानपुर) : मनुष्य कुल में जन्म, मोक्ष की इच्छा और महापुरुषों का साथ बड़े सौभाग्य से मिलता है। यह बातें मानस मर्मज्ञ आचार्य श्री मधुरजी महाराज ने बुधवार को कही। वे होलापुर स्थित संकट मोचन मंदिर परिसर में चौथे दिन श्रीराम कथा का रसपान करा रहे थे। उन्होंने कहाकि ''मनुष्य का प्राकट्य कर्म बंधन के निमित्त है और भगवान कर्म बंधन में नहीं बंधते। भगवान श्रीराम का पृथ्वी पर अवतरण कोई सामान्य घटना नहीं है। ''विप्र धेनु सुर सन्त हित लीन मनुज अवतार। निज इच्छा निर्मित तन माया गुण गोपार।। अधर्म की जगह धर्म को स्थापित करना, मानवीय चरित्रों एवं जीवन की कठिनाईयों में समन्वय करते हुए आदर्श स्थापित करने का संदेश देना ही भगवान श्रीराम के जन्म का मूल उद्देश्य है। इस मौके पर मुख्य यजमान कमला प्रसाद पाण्डेय, राकेश पाण्डेय, अच्छेलाल आदि मौजूद रहे।