Move to Jagran APP

बिना ऑक्सीजन मरीजों को अस्पताल पहुंचा रही एंबुलेंस

-?????? ?? ???? ??? ????? ?? ??? ???????? ??????? ??????, ?????? (?????????) : ????????? ???????? ???? ?????? ????? ??? ?? ???? ??? ??? ??????? ???????? ???? ???? ?? ??? ?????? ???? ?????? ?? ???? ??? ?? ????? ???? ?? ??? ??? ??????? ?? ?? ???????? ????? ???????? ?????? ??? ???? ??? ???? ???? ????? ???????? ????? ?? ????? ????? ??? ???? ?? ???????? ??? ???? ??? ???? ??? ?? ?? ?? ??? ????? ???? ????????? ?? ????? ?????? ?? ????? ???? ?? ??? ???? ????? ???????? ?????? ?? ?????? ??? ??? ??? ??? ?? ???????? ????? ? ????? ?? ??????? ??????? ?? ???? ?? ??????? ?? ?????? ?? ??? ????

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 10:59 PM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 10:59 PM (IST)
बिना ऑक्सीजन मरीजों को अस्पताल पहुंचा रही एंबुलेंस
बिना ऑक्सीजन मरीजों को अस्पताल पहुंचा रही एंबुलेंस

सुलतानपुर : आपातकालीन एंबुलेंस बगैर आक्सीजन के ही मरीजों को अस्पताल पहुंचा रही है। रखरखाव के अभाव में वह खटारा वाहन की तरह नजर आने लगी है। सिर्फ आक्सीजन ही नहीं, बल्कि अन्य जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरण भी जर्जर हालत में हैं। जिले भर की अधिकांश एंबुलेंस की हालत लगभग एक जैसी है। इन्हीं के जरिये मरीजों को भगवान भरोसे पीएचसी से सीएचसी व जिला अस्पताल तक पहुंचाया जाता है। कभी इसमें बैटरी नहीं होती तो कई एंबुलेंस में वातानुकूलन की व्यवस्था तक नहीं है। कइयों के खिड़की व दरवाजे भी टूटे पड़े हैं। स्वास्थ्य विभाग लापरवाह बना हुआ है।

loksabha election banner

जीवनदूत बनी यमदूत

जिस एंबुलेंस को जीवन दूत माना जाता है, अब वही यमदूत बनकर आ रही है। आक्सीजन व जीवनरक्षक उपकरण काम नहीं करने से मरीज अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ रहे हैं। 108 व 102 एंबुलेंस पर है जिम्मा

मरीजों की जान बचाने का जिम्मा 108 व 102 नंबर के हवाले है, लेकिन वह खस्ताहाल है। लम्भुआ तहसील की तीन सीएचसी में कुल दस एंबुलेंस मौजूद हैं, परंतु किसी में भी आक्सीजन की सुविधा नहीं है। एंबुलेंस नहीं, इन्हें कहिये डग्गामार

भदैंया सीएचसी में 108, 102 सहित तीन एंबुलेंस हैं, जिसमें दो में बैटरी न होने से ब्रेकडाउन है। यहां एक कर्मी की भी कमी है। लम्भुआ में दो 108 व दो 102 सेवा की एंबुलेंस है, जिसमें 102 सेवा की एक एंबुलेंस सात दिन से बिना टायर के ब्रेक डाउन में खड़ी है। कमैचा में 108 की एक व 102 की दो एंबुलेंस है। 108 में बैटरी व फ्यूल कार्ड नहीं है, जबकि 102 सेवा की एंबुलेंस दो माह से कादीपुर गैरेज पर बिना बैटरी खड़ी है। 10 में से 6 ही संचालित है वह भी बिना आक्सीजन किट के।

----------------------------

हम अभी नए आए हैं। यहां पहले से एंबुलेंस में आक्सीजन व ब्रेकडाउन की समस्या है, जिसे दूर किया जा रहा है। गंभीर मरीजों के लिए आक्सीजनयुक्त एंबुलेंस की व्यवस्था है। जिसको आवश्यकता पड़ने पर सीएचसी भी भेजा जाता है।

-आशीष मिश्र, आपातकालीन प्रबंधन एग्जिक्यूटिव


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.