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चार दशक में सिर्फ 18 फीसदी केंद्रों को मिले भवन

संवादसूत्र, सुलतानपुर : बच्चों और नवजात के सुपोषण तथा महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदार

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 10:37 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 10:37 PM (IST)
चार दशक में सिर्फ 18 फीसदी केंद्रों को मिले भवन
चार दशक में सिर्फ 18 फीसदी केंद्रों को मिले भवन

संवादसूत्र, सुलतानपुर : बच्चों और नवजात के सुपोषण तथा महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदार बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की जिले में खुद ही स्थिति खस्ताहाल है। विभागीय गतिविधियों के संचालन के लिए गठित आंगनबाड़ी केंद्रों में सिर्फ 18 प्रतिशत केंद्रों के पास अपने विभागीय भवन हैं। चालीस वर्ष पुराने आंगनबाड़ी कार्यक्रम की स्थिति जिले में जर्जर है। विभागीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गांवों में ठौर की खोज कर सरकारी योजनाओं का लाभ पात्रों तक पहुंचाने की कवायद करती हैं। हालात यह है कि बीते तीन वित्तीय वर्षों में जिले को भवन निर्माण के लिए कोई बजट ही नहीं आ सका। जिले में कुल 2511 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। जिनमें सिर्फ 461 के पास अपना विभागीय भवन है। इन केंद्रों के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में नवजात शिशुओं, छह वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के स्वास्थ्य तथा सुपोषण की सरकारी योजनाओं के कार्यक्रमों से लाभान्वित करने की जिम्मेदारी बाल विकास विभाग को है। जिला कार्यक्रम अधिकारी के जरिए इन केंद्रों का संचालन होता है। भवनों के अभाव में आंगनबाड़ी के कार्यक्रम में आमजनों की भागीदारी सुनिश्चित नहीं हो पाती। विभाग के पास आईसीजीएस के तहत 45 मल्टी सेक्टोरल योजना के तहत 40 और विभाग के 65 कुल 140 भवन दशकों पुराने हैं। लोहिया ग्राम में 151 केंद्र चल रहे हैं। 210 भवन बीते एक वर्ष से निर्माणाधीन हैं। जिनमें 170 विभाग को हस्तांतरित हो सके हैं। ऐसी स्थिति में सुपोषण के लिए चल रही परियोजनाएं प्रभावित हैं।

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निजी क्षेत्र बनाएगा भवन

जिला कार्यक्रम अधिकारी दिनेश ¨सह ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 425 भवनों का प्रस्ताव दिया जा रहा है। जिनमें से 40 भवनों का निर्माण प्रतिष्ठित एनजीओ वेदांता फाउंडेशन करेगा। ये भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होंगे। जो 1500 वर्गफीट क्षेत्रफल में होंगे। उन्होंने कहा कि सभी ब्लाकों में दो-दो व शहर के दो केंद्रों को भी ये भवन मिलेंगे।


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