महानगरों से जिले में आ रहा मिलावटी खोया
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संवादसूत्र, सुलतानपुर : दीवाली के करीब आते ही महानगरों से मिलावटी खोया व पनीर की खेप जिले में आनी शुरू हो गई है। रोडवेज बसों के जरिए चोरी-छिपे इसकी आवक हो रही है। त्यौहार पर मिठाइयों की भारी मांग को देखते हुए कारोबारी पूरी तरह से सक्रिय हैं, जबकि खाद्य सुरक्षा विभाग की तंद्रा अभी तक नहीं टूटी है। हालत यह है कि विभाग अबी तक जांच अभियान की रूपरेखा तक नहीं बना पाया है।
त्यौहारों में मांग के सापेक्ष उपलब्धता कम होने से शुद्ध खोया का दाम दोगुना से भी अधिक हो जाता है। ऐसे में मिलावटखोर अधिक मुनाफा कमाने के लालच में मुख्यत: कानपुर मंडी से नकली (¨सथेटिक) मावा व पनीर मंगाते हैं। इसके लिए रोडवेज बसों का सहारा लिया जाता है। बस में सीटों के नीचे माल छिपाकर रख दिया जाता है। चालक-परिचालक को इसके एवज में अच्छी खासी रकम दी जाती है। पैकेट पर खोया भेजने व मंगाने वालों का सिर्फ नाम ही लिखा होता है। रोडवेज कर्मी बताए गए स्थान पर माल उतारने की जिम्मेदारी लेते हैं। जब कभी छापेमारी के दौरान माल पकड़ा जाता है तो बु¨कग का सहारा लेकर बस कर्मी मामले से पल्ला झाड़ लेते हैं। थोक कारोबारी इस नकली खोये को असली बताकर बाजार में ऊंचे दामों पर बेच देते हैं।
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पिछली दिवाली पर हुई थी बड़ी बरामदगी
खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिनेश शुक्ला ने बताया कि पिछली बार अमहट चौराहे के पास रोडवेज बस से 13 ¨क्वटल ¨सथेटिक खोया और पनीर बरामद किया गया था। जबकि होली के दौरान कादीपुर बस अड्डे से करीब चार ¨क्वटल नकली खोया बस में पकड़ा गया था। जो कानपुर से आजमगढ़ भेजा जा रहा था। उनका कहना है कि रोकथाम के लिए शुक्रवार से पांच दिवसीय जांच अभियान चलाया जाएगा। इस बार सूचना आधारित छापेमारी करने का निर्देश मिला है। जिले की पांचों तहसीलों में एक साथ पड़ताल की जाएगी। जरूरत पड़ने पर शासन की मदद भी ली जाएगी।
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ऐसे परखें खोया की शुद्धता
थोड़े से खोये को पांच एमएल गरम पानी में घोल लें, डंडा होने पर इसमें आयोडीन सोल्यूशन डालें। यदि खोया नकली होगा तो इसका रंग नीला पड़ जाएगा।
-खाने पर नकली खोया मुंह में चिपक जाता है और असली नहीं चिपकता।
-असली खोया खाने पर कच्चे दूध का स्वाद महसूस होता है।
-नकली खोये को पानी में डालकर फेंटने से वह दानेदार टुकड़ों में बंट जाता है।
*असली खोया चिपचिपा नहीं होता।
-असली खोया हथेली पर रगड़ने पर तैलीय पदार्थ व महक छोड़ता है।