24 घंटे में 72 बार जा रही बिजली, मचा हाहाकार
सुलतानपुर : चुनाव का दौर अब खत्म हो चला है। इसीलिए अधिकारियों को भी बिजली के रहने व न रहने की कोई वि
सुलतानपुर : चुनाव का दौर अब खत्म हो चला है। इसीलिए अधिकारियों को भी बिजली के रहने व न रहने की कोई विशेष फिक्र नहीं है। लिहाजा शहर में 24 घंटे बिजली का दावा करने वालों की हकीकत यह है कि यहां बिजली आती नहीं, सिर्फ जाती है और वह भी 24 घंटे में कम से कम 72 बार.. भीषण गर्मी में इस ताबड़तोड़ कटौती से आम लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। शहर से लेकर गांव तक में एक घंटे में तीन से पांच बार तक बिजली कटौती हो रही है। वहीं जिम्मेदार अधिकारी बेपरवाह बने हुए हैं।
भीषण गर्मी के मौसम में अधाधुंध बिजली कटौती से उपभोक्ताओं की मुसीबत बढ़ गई है। मंगलवार को शहर के डाकखाना उपकेंद्र की आपूर्ति बेपटरी रही। सुबह दस बजे से लेकर शाम चार बजे तक हर आधे घंटे पर कटौती होती रही। बार-बार ट्रिपिग से सरकारी व निजी दफ्तरों में कामकाज प्रभावित रहा। सबसे अधिक ट्रिपिग गवर्नमेंट फीडर में हुई। इस क्षेत्र के उपभोक्ताओं को दिनभर विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। उपखंड के अधिकारी अघोषित बिजली कटौती की सही वजह नहीं बता पा रहे थे। उपखंड अधिकारी प्रशांत गिरि का कहना था कि गर्मी में लोड बढ़ने पर लाइन में बार-बार फाल्ट आने के कारण शट-डाउन लेना पड़ता है। सब स्टेशन में कोई खराबी नहीं है। वहीं सदर वितरण खंड के केएनआइ पॉवरहाउस से आपूर्ति वाले शहर के विनोबा पुरी, हथियानाला नया नगर आदि मोहल्लों में गत तीन दिनों से बिजली की किल्लत है। सोमवार रातभर इन इलाकों में बिजली की आवाजाही लगी रही। जिससे सैकड़ों उपभोक्ताओं की नींद हराम हुई। एसडीओ एके वर्मा का कहना है कि 11 हजार लाइन के केबल में फाल्ट के चलते आपूर्ति प्रभावित है। मरम्मत कार्य जारी है, जल्द ही खामी दूर कर दी जाएगी।
सरकारी दावों पर अधिकारी फेर रहे पानी
चुनाव के पूर्व राज्य सरकार के निर्देश पर शहर से लेकर गांव तक 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही थी। जिसे अब बदल दिया गया है। शासन ने ग्रामीण इलाकों में फिर से सिर्फ 18 घंटे ही बिजली देने का फरमान जारी कर दिया है। अधिशासी अभियंता बालकृष्ण ने बताया कि ग्रामीणांचल में शाम 5.45 बजे से रात 11.45 बजे तक यानी छह घंटे कटौती की जाएगी। यह रोस्टर फिलहाल 25 मई तक प्रभावी रहेगा। शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जाएगी। हालांकि सभी सरकारी दावे अधिकारियों की हीलाहवाली से फ्लाप साबित हो रहे हैं।
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