15 दिन पहले बनी थी अपहरण की योजना
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सुलतानपुर: गोसाईंगज थाना के कटका स्थित निजी स्कूल से दो बच्चों के अपहर्ता भले ही नौसिखिया थे, लेकिन उन्होंने अपहरण करने की योजना 15 दिन पहले ही बना ली थी। घटना को अंजाम देने के लिए तमंचा भी अपहर्ताओं ने खरीद लिया था। व्यवसायी के घर से लेकर स्कूल तक प्लान के मुताबिक रेकी की जा रही थी। इस दौरान व्यवसायी का नौकर रघुवर अपने दोस्तों से कई बार बच्चों को मिलवा चुका था। वहीं अपहर्ता बच्चों का अपहरण करने के बाद मोटरसाइकिल से दिन में ही करौंदिया आ गए थे।
कर्ज से उबरने को किया अपहरण
व्यवसायी का नौकर रघुवर कर्ज में दबा हुआ था। इससे बाहर निकलने के लिए उसने अपने मालिक राकेश अग्रहरि के बेटे श्रेयांश और दिव्यांश के बच्चों के अपहरण की योजना दोस्तों से मिलकर बनाई। पुलिस सूत्रों के अनुसार उसने जल्द अमीर बनने की चाह रखने वाले सूरज बहेलिया, हरिओम और शिवपूजन से मुलाकात दो हफ्ते पहले की और अपहरण का खाका तैयार किया गया। घटना वाले दिन रघुवर रोज की तरह ही श्रेयांश और दिव्यांश को सुबह स्कूल छोड़कर लौट आया। इसके बाद उसने साथियों को फोन कर बुला लिया। दोपहर में स्कूल की छुट्टी होने पर रघुवर ने दोनो बच्चों को बाइक पर बैठा लिया और शहर की तरफ चल पड़ा। मामूली मुठभेड़ के बाद कोतवाली देहात के गोपालपुर के पास से गिरफ्तार शिवपूजन राय के पास से बरामद मुंगेर निर्मित देशी कट्टा एक सप्ताह पहले ही वारदात में इस्तेमाल के लिए खरीदा गया था।
12.57 बजे की फिरौती की मांग
पुलिस के अनुसार अपहर्ताओं द्वारा फिरौती के लिए पहली कॉल 12 बजकर 57 मिनट पर की गई। इसके बाद उनका फोन बंद कर लिया। ट्रैस करने पर फोन की लोकेशन करौंदिया मिली। फिर भी पुलिस फेल साबित हुई और अपहर्ताओं तक पहुंचने में अधिक समय लगा दिया।