अक्षय नवमी पर हुआ आंवला वृक्ष का पूजन
अक्षय नवमी का त्यौहार ऊर्जांचल में आस्था पूर्वक मनाया गया। औड़ीमोड़ स्थित वाटिका में आंवला वृक्ष के नीचे विधि-विधान से महिलाएं पूजन-अर्चन कर फेरे लगाए।
जासं, अनपरा (सोनभद्र) : अक्षय नवमी शुक्रवार को ऊर्जाचल में आस्था पूर्वक मनायी गयी। औड़ी मोड़ स्थित वाटिका में आंवला वृक्ष के नीचे विधि-विधान से महिलाएं पूजन-अर्चन कर फेरे लगाईं। वृक्ष के नीचे प्रसाद बनाकर सभी श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की नवमी अक्षय नवमी, ईच्छा नवमी व आंवला नवमी के नाम से जाना जाता है। द्वापर युग का प्रारंभ अक्षय नवमी से ही हुआ था। अक्षय नवमी से लेकर पूर्णिमा तक भगवान विष्णु आंवले के पेड़ पर ही निवास करते हैं। अक्षय नवमी के दिन आंवला वृक्ष के नीचे भोजन बनाने और उसे ग्रहण करने का विशेष महात्म्य है। इस दिन किया गया कार्य व दान-पुण्य अक्षय रहता है, जिसका कभी क्षय नहीं होता है। इस दौरान डिबुलगंज, अनपरा, औड़ी मोड़, परासी, रेणुसागर, ककरी, बीना, खड़िया, शक्तिनगर आदि जगहों पर महिलाएं आंवला वृक्ष के नीचे सपरिवार एकत्रित होकर विधि-विधान से पूजन कीं तथा भोजन बनाकर प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। औड़ी मोड़ वाटिका में नीना, रेनू, नीता, मोनिका, प्रियंका, मिली, नीतू आदि महिलाओं ने आंवले वृक्ष का पूजन कर फेरा लगाकर सुख-समृद्धि की कामना की।