रोजेदारों ने दिखाया उत्साह, किया मतदान
अल्लाह की इबादत व घर के काम से समय मिला तो आराम करने के बजाय सीधे पोलिग बूथ पर पहुंचे रोजेदार। लोकतंत्र के उत्सव में भागीदार बनने के लिए भीषण गर्मी में बिना कुछ खाए पीये घंटो कतार में खड़े रहकर लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरी की। कहते हैं राष्ट्र है तो हम हैं। हम हैं तो धर्म है। जब राष्ट्र ही सुरक्षित नहीं रहेगा तो व्यक्ति और धर्म कैसे बचेगा।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : अल्लाह की इबादत व घर के काम से समय मिला तो आराम करने की बजाय सीधे पोलिग बूथ पर पहुंचे रोजेदार। लोकतंत्र के उत्सव में भागीदार बनने के लिए भीषण गर्मी में बिना कुछ खाए पीये, घंटों कतार में खड़े रहकर लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरी की। कहते हैं राष्ट्र है तो हम हैं। हम हैं तो धर्म है। जब राष्ट्र ही सुरक्षित नहीं रहेगा तो व्यक्ति और धर्म कैसे बचेगा। ये विचार रविवार को पोलिग बूथों पर साक्षात रूप में जीवंत हुए। जहां भूख-प्यास सहते हुए रोजेदार वोट डालने पहुंचे।
मतदान करने बाद बाहर निकलीं रोजेदार शबनम की खुशी देखते ही बनी। चेहरा खिला, मन उत्साहित था। खुशी का कारण पूछने पर बोलीं, धर्म के लिए मैंने रोजा रखा है और राष्ट्रहित में मतदान किया। कुछ ऐसा ही विचार रोजेदार मुन्ना खां का रहा। नगर पालिका राबर्ट्सगंज के पोलिग बूथ पर वोटिग करने आए खां कहते हैं कि धर्म की तरह राष्ट्रहित मेरे लिए सर्वाेपरि है। राष्ट्र तभी सुरक्षित होगा जब वोट करेंगे, इसलिए इबादत से समय मिला तो आराम करने की बजाय पोलिग बूथ पर आ गए। रोजेदार अंजुम बेगम ने कहा कि रोजा रखकर वोट डालना ज्यादा सुखद अनुभूति दे रहा है। मेरा वोट राष्ट्र को समर्पित है, जो राष्ट्रहित में निर्णायक होगा। रोजेदार अख्तर अली ने कहा कि राष्ट्रहित के लिए हमें वोट करना चाहिए। मैंने सुबह साढ़े सात बजे वोट डाल दिया। इसके बाद घर के दूसरे लोगों को इसके लिए प्रेरित किया।
मतदान के लिए लगे रहे कतार में
जासं, दुद्धी (सोनभद्र) : चिलचिलाती धूप में भी कई किमी की पैदल यात्रा कर लोग बूथों पर पहुंचे और घंटों कतार में लगकर मतदान किए। तहसील मुख्यालय पर बने प्राथमिक विद्यालय, पूर्व माध्यमिक विद्यालय एवं बालिका इंटर कालेज के बूथों पर सुबह से ही मुस्लिम बंधु कतार में लगकर मतदान करते दिखे। इस बाबत कई मुस्लिम बंधुओं ने बेबाकी से कहा कि रोजा में जब और कार्य किया जा सकता है तो मतदान क्यूं नहीं हो सकता। इसी तरह क्षेत्र के खजुरी, दिघुल, बघाडू, निमियाडीह, टेढ़ा सरीखे मुस्लिम बाहुल्य गांवों में भी रोजेदारों की कतार अन्य मतदाताओं के साथ सुबह से शुरू होकर शाम तक चलता रहा। बघाडू बूथ पर कतार में खड़े मोमिन, सेराजुद्दीन, मुनीर, रियाजुद्दीन, ओसीमा खातून, फराहा खातून आदि रोजेदारों ने फक्र से कहा कि पांच साल में एक बार अपने प्रतिनिधि को चयन करने के मौका को वे कदापि हाथ से नहीं जाने देंगे।
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