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मजदूर की मौत पर भड़का आक्रोश, रोका काम

गुरुवार को एक मजदूर के आकस्मिक मौत को लेकर 1320 मेगावाट क्षमता के निर्माणाधीन ओबरा सी का काम शुक्रवार प्रात मजदूरों ने रुकवा दिया।मजदूरों ने ओबरा सी में जाने वाले सभी गेट बंद करा सभी कम्पनियों के मजदूरों को अंदर जाने से रोक दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Jun 2019 05:19 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jun 2019 08:26 PM (IST)
मजदूर की मौत पर भड़का आक्रोश, रोका काम
मजदूर की मौत पर भड़का आक्रोश, रोका काम

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : 1320 मेगावाट क्षमता की निर्माणाधीन ओबरा-सी परियोजना का काम शुक्रवार की सुबह मजदूरों ने रोक दिया। मजदूरों ने ओबरा-सी में जाने वाले सभी रास्तों को अंदर से बंद कर दिया। इसके अलावा सैकड़ों की संख्या में मजदूरों ने थाने का घेराव भी किया। आक्रोश का कारण गुरुवार को ओबरा-सी में काम कर रहे एक मजदूर की अकस्मात मौत बताया। ऐसे में परियोजना प्रशासन द्वारा ध्यान न दिए जाने का आरोप लगाया। मजदूरों की गेट बंदी के कारण ओबरा अ और ब तापघर के भी कर्मचारियों और अधिकारियों को परियोजना में जाने में दिक्कत हुई। मजदूरों के आक्रोश के कारण ओबरा-सी में चल रहे टरबाइन और बॉयलर के साथ कूलिग टावर, चिमनी, स्वीच यार्ड, कोल हैंडलिग प्लांट, वैगन ट्रिपलर सहित सभी हिस्सों का निर्माण कार्य ठप हो गया। इस बीच मजदूरों को समझाने के सभी प्रयास विफल हो गए। क्या रहा पूरा मामला

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गुरुवार को ओबरा-सी की उप संविदा कंपनी जीडीसीएल के लिए काम कर रहे मजदूर की मौत हो गई। बताया गया कि मिजुबुल हसन (27) पुत्र जसमुद्दीन निवासी बराडीह थाना नगर उटारी गढ़वा झारखंड ने दोपहर डेढ़ बजे लंच के समय कैंटीन का पानी पीकर जैसे झरिया नाला स्थित कंपनी द्वारा मिले निवास पर पहुंचा वह अचेत हो गया। उसे तत्काल चोपन रोड स्थित एक निजी चिकित्सालय ले जाया गया। जहां इलाज न होने पर उसे परियोजना चिकित्सालय ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। मौत की सूचना पर पहुंची पुलिस ने देररात शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजवा दिया । घटना की खबर लगते ही शुक्रवार को मजदूरों में आक्रोश व्याप्त हो गया। बहरहाल शुक्रवार को काम बंदी के बीच कई बार मजदूर प्रतिनिधियों और कोरियन कंपनी के बीच ओबरा थाने में हुई वार्ता विफल हुई। दोपहर 12 बजे के करीब हुई वार्ता के बाद बनी सहमति के बाद मजदूरों का आन्दोलन समाप्त हो गया। ढाई लाख पर बनी बात

प्रदर्शन के दौरान मजदूरों का नेतृत्व कर रहे जिला संविदा श्रमिक यूनियन के इकाई मंत्री रामशकल वर्मा एवं सीटू के जिलाध्यक्ष अवधराज सिंह सहित अन्य प्रतिनिधियों ने 15 लाख मुआवजे के साथ बीमा और श्रम कानून के तहत लगभग दस लाख देने सहित आश्रित को नौकरी की मांग की। बहरहाल ओबरा क्षेत्राधिकारी डा. केजी सिंह, सदर तहसीलदार विकास पांडेय की मौजूदगी में कोरियन कंपनी के प्रतिनिधि बाबूलाल झा, दिलीप ठाकुर,जीडीसीएल के प्रमोद जोशी से मजदूर प्रतिनिधियों और परिजनों की हुई वार्ता में जीडीसीएल कम्पनी द्वारा एक लाख पचास हजार रुपये का चेक मृतक की पत्नी रवीना वीवी के नाम देते हुए एक सप्ताह में उसके खाते में एक लाख रुपये और देने का लिखित आश्वासन दिया गया। साथ ही एक व्यक्ति को मृतक की पत्नी के निर्देश पर भविष्य में जीडीसीएल कंपनी में संविदा पर नौकरी देने का भी लिखित आश्वासन दिया गया। भीषण गर्मी में पानी की भी व्यवस्था नहीं

10400 करोड़ की अभी तक की जनपद की सबसे ज्यादा लागत वाली ओबरा-सी में कर्मचारी कल्याण की स्थिति अत्यंत खराब है। यहां पर विभिन्न साइटों पर मजदूरों के लिए पेयजल की अपेक्षित व्यवस्था नहीं है। हाइड्रो इलेक्ट्रिक इम्प्लाइज यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरदेव नारायण तिवारी ने बताया कि ओबरा-सी साइट सहित मजदूरों के निवास स्थलों पर बिजली पानी की व्यवस्था काफी खराब है। लंच करने के लिए मजदूरों के लिए तीन शेड की भी व्यवस्था नहीं है। यहां तक कि खौलता पानी पीने को मजदूर मजबूर हैं।

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