प्रेम और अनुराग की भावना से आगे बढ़ेगी हिन्दी
एनसीएल निदेशक (तकनीकी/संचालन) गुणाधर पांडेय ने कहा है कि किसी भी राष्ट्र की सभ्यता व सांस्कृतिक विरासत की मजबूती एवं राष्ट्र के विकास के लिए यह बेहद आवश्यक है कि राष्ट्र प्रेम की भावना के साथ राष्ट्रभाषा को अधिक से अधिक समृद्ध बनाया जाए।
जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : किसी भी राष्ट्र की सभ्यता व सांस्कृतिक विरासत की मजबूती एवं उसके विकास के लिए यह बेहद आवश्यक है कि राष्ट्र प्रेम की भावना के साथ राष्ट्रभाषा को अधिक से अधिक समृद्ध बनाया जाए। हम प्रेम एवं अनुराग की भावना से ही अपनी मातृभाषा एवं राष्ट्रभाषा ¨हदी को नई पहचान दिला सकते हैं।
यह बातें शुक्रवार की शाम को मुख्य अतिथि एनसीएल निदेशक गुणाधर पांडेय ने एनसीएल में राजभाषा पखवाड़े के उद्घाटन समारोह में कही। उन्होंने एनसीएल परिवार के सदस्यों से अपील की कि वे कम से कम ¨हदी में हस्ताक्षर अवश्य करें। राष्ट्र की उच्च शिक्षा प्रणाली में हिन्दी पुस्तकों की उपलब्धता की समस्या को ¨हदी के विकास में एक बड़ा रोड़ा बताते हुए उन्होंने इस दिशा में व्यापक पहल के सुझाव दिए। सकारात्मक बदलावों का नजीर देते हुए उन्होंने कहा कि अब सूरत बदल रही है और आज विश्व के 124 देशों में ¨हदी के प्रयोग रहा है। निदेशक (तकनीकी/परियोजना एवं योजना) पीएम प्रसाद ने कहा कि कार्यालयीन कार्यों के अलावा अपनी दिनचर्या में ¨हदी को शामिल कर हम अपनी राष्ट्रभाषा की उत्कर्ष गाथा लिख सकते हैं। एनसीएल के सभी कोयला क्षेत्रों एवं इकाइयों में भी राजभाषा पखवाड़े के उद्घाटन समारोह आयोजित किए गए। राजभाषा एवं राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दिए जाने के लिए एनसीएल में 28 सितंबर तक यह पखवाड़ा चलेगा, जिसमें रोजाना कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान मुख्य सतर्कता अधिकारी एके श्रीवास्तव एवं कार्मिक प्रमुख चार्ल्स जुस्टर कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।