पटाखे बजाएंगे, ध्वनि प्रदूषण घटाएंगे
जागरण संवाददाता सोनभद्र राबर्ट्सगंज नगर के हाईडिल मैदान में पटाखा बाजार सज गया है। इस बार एक बम से 240 आवाज के साथ सप्तरंगी झड़ी आकर्षण का केंद्र होगी। एयर बैलून व प-पप बच्चों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। हालांकि पटाखा बाजार में गुरुवार को ग्राहकों की भीड़ नहीं रही। दुकानदारों का कहना है कि धनतेरस के दिन से बाजार चटक हो जाएगा।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : दीपावली का बाजार वैसे तो हर प्रकार की वस्तुओं को लेकर सजा रहता है। लेकिन इसमें कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं जिसे विशेषकर दीपावली पर्व के लिए ही तैयार किया जाता है। इसमें शामिल है पटाखा। इस बार भी दीपावली के बाजार हर जगह पटाखों से सज गये हैं। अबकी हर बार से अलग दिखाई दे रहा है। बाजार में पटाखे तो दिख रहे हैं पूर्ववत लेकिन, पर्यावरण को लेकर विशेष ध्यान रखा गया है। कुछ पटाखे ऐसे हैं जो ध्वनि प्रदूषण नहीं फैलाएंगे। इससे बुजुर्गों व हृदयरोगियों को बढ़ने वाली परेशानी से जरूर राहत मिलेगी।
हाईडिल मैदान में पटाखा का बाजार :
राबर्ट्सगंज नगर के हाईडिल मैदान में पटाखा बाजार सज गया है। इस बार एक बम से 240 आवाज के साथ सप्तरंगी झड़ी आकर्षण का केंद्र होगी। एयर बैलून व प-पप बच्चों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। हालांकि पटाखा बाजार में गुरुवार को ग्राहकों की भीड़ नहीं रही। दुकानदारों का कहना है कि धनतेरस के दिन से बाजार चटक हो जाएगा। बाजार में लाई, चूड़ा, चीनी के खिलौने आदि की दुकानें भी गुलजार हो गई हैं। ज्यादातर पटाखा दुकानों पर जिला प्रशासन के निर्देश पर आग से बचाव के लिए अग्निशमन यंत्र के साथ ही बालू से भरी बोरी व कंबल आदि भी रखे गए हैं।
एक पटाखे से 240 निकलेंगी आवाजे :
हर बार की तरह इस बार भी पटाखा बाजार में अलग-अलग तरह के पटाखे मौजूद हैं। 100 से एक हजार रुपये राकेट प्रति पैकेज बिक रहा है। 240 आवाज वाले एक बम की कीमत 45 सौ रुपये है। इसके अलावा छोटे व बड़े बम भी है। जिनकी कीमत 10 रुपये प्रति बम से शुरू होती है। छोटे बच्चों के लिए फुलझड़ी के अलावा एयर बैलून व प-पप रोशनी है। अनार 10 रुपये से सौ रुपये प्रति पैकेट बिक रहा है। चरकी की कीमत 10 रुपये से 80 रुपये पैकेट है। फुलझड़ी पांच रुपये से दो सौ रुपये तक प्रति पैकेट है। पांच हजार दाने वाली चटाई चार हजार रुपये व 10 हजार दाने वाली चटाई की कीमत छह हजार रुपये है।
बोले दुकानदार - ध्वनि प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए कम आवाज वाले पटाखों की रेंज अधिक लाई गई है। पटाखा व्यवसाय मंडी के दौर से गुजरता है या फिर बिक्री में तेजी आती है, यह तो धनतेरस व दीपावली पर्व के बीच पता चलेगा।
- अनिकेत - दुकान बुधवार की शाम से लगाई गई है। अभी तो ग्राहक नाममात्र के हैं। धनतेरस से पटाखों की बिक्री तेज होने की उम्मीद है। यह तो बात मे पता चलेगा कि बाजार का रूख क्या है।
- जितेंद्र - पटाखा बाजार सिर्फ तीन दिन का होता है। 25 से 27 अक्टूबर के बीच ही बिक्री होनी है। पिछले साल काफी पटाखा बच गया था। जिससे काफी नुकसान हुआ था।
- विशाल सोनी - पटाखा व्यवसाय को लेकर काफी चितित हूं। कई वर्ष से पटाखा व्यवसाय कर रहे। पटाखों की कीमत आसमान पर पहुंचती जा रही है। तमाम लोग इसे फिजूल खर्च की श्रेणी में रखने लगे हैं।
- फिरोज अंसारी