ग्रामीण अंचल के क्रय केंद्रों पर नहीं खरीदा जा रहा गेहूं
सोनभद्र शासन की तरफ से गेहूं का समर्थन मूल्य किसानों को दिलाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किए गए सेंटरों पर खरीद व्यवस्था एकदम सुस्त पड़ गई है। कई केन्द्रों पर तो अभी तक ताला ही नहीं खुला है। इसके चलते मजबूरन किसानों को अपना धान बिचौलियों के माध्यम से बिक्री करना पड़ रहा है। उच्चाधिकारियों के चुनाव में व्यस्त होने से मनमानी की जा रही है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र: शासन की तरफ से गेहूं का समर्थन मूल्य किसानों को दिलाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में खोले गए क्रय केंद्रों पर खरीद सुस्त पड़ गई है। कई केंद्रों का तो अभी तक ताला ही नहीं खुला है। इसके चलते मजबूरी में किसानों को अपना गेहूं बिचौलियों के माध्यम से बिक्री करना पड़ रहा है। उच्चाधिकारियों के चुनाव में व्यस्त होने से मनमानी की जा रही है। इसके चलते किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जिले में तेजी से गेहूं की कटाई शुरू हो गई है। गेहूं खरीद के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किए गए क्रय केंद्रों पर खरीद व्यवस्था गड़बड़ हो गई है। बताया जा रहा है कि अभी तक क्रय केंद्र स्थापित नहीं किए गए हैं जिसके चलते किसान मजबूरन गेहूं आढ़ती और राइस मिलरों के यहां औने पौने दामों में बिक्री कर रहा है। किसानों को काफी घाटा खाकर गेहूं बिक्री करना पड़ रहा है। अधिकारियों के चुनाव में व्यस्त होने से पूरी तरह से मनमानी हो रही है। कोन में बनाए गए क्रय केन्द्र पर सिर्फ बोर्ड लगा कर कोरम पूरा कर लिया गया है। यहां किसान आते है लेकिन ताला बंद देख मायूस होकर लौट जाते है। दुद्धी लैम्पस एवं हाट शाखा पर अभी खरीद शुरू नहीं हुई है, केंद्र प्रभारी द्वारा बताया गया कि तैयारी पूरी कर ली गई है। सोमवार से खरीद शुरू हो जाएगी। चैनपुर लैंपस प अभी तक मात्र 148 क्विटल गेहूं की ही खरीद हुई है। चकचपकी लैंपस पर 337 क्विटल की खरीद हुई है। चकचपकी लैंपस के सचिव अयोध्या प्रसाद का कहना है कि शादी विवाह का मौसम होने के कारण अभी किसान लैंपस पर गेहूं लेकर नहीं आ रहे हैं लेकिन एक दो दिनों में खरीद बढ़ेगी।
प्रदेश सरकार ने जिले में किसानों से गेहूं खरीद के लिए जिले को 54500 मीट्रिक टन का लक्ष्य दिया है। इसके लिए कुल 54 क्रय केंद्र बनाए गए हैं। सरकार ने प्रति क्विटल 18.40 रुपये गेहूं का मूल्य निर्धारित किया है। जिसमें खाद्य विभाग के 12, कर्मचारी कल्याण निगम के तीन, पीसीयू के तीन व पीसीएफ के 36 क्रय केंद्र बनाए गए हैं।