मौसम का बदला मिजाज, खेती प्रभावित
सोनभद्र मौसम का इनदिनों बदलता मिजाज केवल इंसान के लिए ही नहीं बल्कि फसलों के लिए भी खतरनाक है। अगर एक सप्ताह तक इसी तरह का मौसम रहा तो फसलों के उत्पादन पर असर पड़ सकता है। इसको लेकर किसान से लेकर कृषि के जानकार लोग भी चितित हैं। हालांकि मौसम विभाग का अनुमान उनके अंदर एक उम्मीद को जगाए रखने में कामयाब होता नजर आ रहा है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : मौसम का बदलता मिजाज केवल इंसान के लिए ही नहीं बल्कि फसलों के लिए भी खतरनाक है। एक सप्ताह तक इसी तरह का मौसम रहा तो फसलों के उत्पादन पर असर पड़ सकता है। इसको लेकर किसान से लेकर कृषि के जानकार लोग भी चितित हैं। हालांकि मौसम विभाग का अनुमान उनके अंदर एक उम्मीद को जगाए रखने में कामयाब होता नजर आ रहा है।
गत दिनों हुई हल्की बारिश के कारण मौसम पहले से ज्यादा ठंड हुआ है। गत तीन दिनों से सुबह के समय घने कोहरे का भी असर सोनांचल के विभिन्न क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। रविवार को आसमान में बादल भी छाए रहे। दोपहर तक धूप नहीं निकलने से लोगों को ठंड ने ज्यादा सताया। शहर से लेकर गांव तक जगह-जगह ठंड से बचने के लिए लोगों ने अलाव जलाया। कभी धूप तो कभी हल्की बारिश के कारण बढ़ने वाली ठंड को चिकित्सक ठीक नहीं मानते हैं। जिला अस्पताल के डा. एसएस पांडेय कहते हैं कि इस मौसम में सर्दी-जुकाम होने का ज्यादा खतरा होता है। बच्चों में कोल्ड डायरिया भी हो जाता है। सांस के मरीजों को इस मौसम में संभलकर रहना चाहिए। सुबह घर से निकलें तो गर्म कपड़े पहनकर ही निकलें। वहीं खेती किसानी के जानकार लोग भी यह मौसम सरसों, आलू के लिए खतरनाक मानते हैं।
कृषि विभाग के विषय वस्तु विशेषज्ञ सुशील गिरी बताते हैं कि अगर एक सप्ताह तक इसी तरह का मौसम हो जाए तो फसलों को भारी क्षति हो सकती है। आलू में झुलसा रोग और सरसों में माहो लगने की आशंका है। हालांकि गेहूं की लिए फायदेमंद है। उधर, कृषि वैज्ञानिक वीके यादव ने बताया कि दो दिन में मौसम साफ होने का अनुमान है। धूप निकलने से ठंड भी कम होगी और कोहरा भी छंटेगा। डाक्टर की सलाह
- बच्चों को ठंड से बचने के पूरे इंतजाम रखें।
- सांस के मरीजों को ठंड से बचने की पूरी कोशिश करें।
- कोशिश करें कि गुनगुना पानी ही पीएं।
- ताजा भोजन करें, स्वच्छता का खास ख्याल रखें।