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रिहंद व धंधरौल में अभी भी क्षमता से काफी कम पानी

जागरण संवाददाता, सोनभद्र: जनपद में एक पखवारे से हो रही झमाझम बरसात के कारण रिहंद सहि

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Aug 2018 07:06 PM (IST)Updated: Thu, 02 Aug 2018 07:06 PM (IST)
रिहंद व धंधरौल में अभी भी क्षमता से काफी कम पानी
रिहंद व धंधरौल में अभी भी क्षमता से काफी कम पानी

जागरण संवाददाता, सोनभद्र: जनपद में एक पखवारे से हो रही झमाझम बरसात के कारण रिहंद सहित अन्य जलाशयों के जल स्तर में भी वृद्धि हो रही है। अभी इन जलाशयों का जल स्तर निर्धारित क्षमता से काफी दूर है। ऐसे में पहाड़ों के बीच स्थित बलुई बंधी के टूटने के बाद इन जलाशायों पर चौकसी बढ़ा दी गई है।

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क्षेत्रफल की ²ष्टि से एशिया के सबसे बड़े जलाशय रिहंद डैम के जल स्तर में वृद्धि सीमावर्ती छत्तीसगढ़ में हुई बरसात पर निर्भर करती है। रिहंद जलाशय सिविल खंड के अधिशासी अभियंता रामविलास यादव ने बताया कि वर्तमान में डैम के जल स्तर में लगभग आधा फीट प्रतिदिन की दर से वृद्धि हो रही है। गुरुवार की सुबह तक डैम का जल स्तर निर्धारित क्षमता 870 फीट के सापेक्ष 846.3 फीट था। इसी क्रम जनपद सहित ¨सचाई के ²ष्टिकोण से सोनभद्र सहित पड़ोसी मीरजापुर जनपद के किसानों के लिए वरदान कहे जाने वाले धंधरौल बांध में गुरुवार की सुबह तक निर्धारित क्षमता 4760 एमसीएफटी के सापेक्ष 658 एमसीएफटी पानी भरा था। धंधरौल प्रभारी सुरेश ¨सह ने बताया कि यदि बांध से 1200 क्यूसेक पानी छोड़ा जाये तो नहर पांच दिनों तक चल सकती है। इसी क्रम में नगवां बांध में भी गुरुवार सुबह तक निर्धारित 3900 एमसीएफटी के सापेक्ष 638 एमसीएफटी पानी एकत्रित हो गया था। बंधियों की बढ़ी निगरानी

सोनभद्र: गुरुवार की प्रात: बलुई बंधी टूटने की खबर लगते ही ¨सचाई विभाग द्वारा अन्य बंधियों की निगरानी बढ़ा दी गई है। सुबह से ही संबंधित बंधियों के प्रभारियों द्वारा मौका मुआयना करा तटबंधों की स्थिति का जायजा लिया गया।


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