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नदिया के पार नाव से वोट देने जाते हैं मतदाता

ओबरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत भोड़ार व जुर्रा टोला के मतदाता आजादी के सात दशक बाद भी लोकसभा चुनाव में नदिया के पार नाव से वोट देने जाते हैं। इससे लोगों की जान जोखिम में रहती है। मतदान स्थल तय करने के मामले में प्रशासन द्वारा दिखाई गई विवेकहीनता के कारण ग्रामीणों को ओबरा डैम को नाव से पार कर मतदान करने जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 May 2019 08:38 AM (IST)Updated: Fri, 17 May 2019 08:38 AM (IST)
नदिया के पार नाव से वोट देने जाते हैं मतदाता
नदिया के पार नाव से वोट देने जाते हैं मतदाता

जागरण संवाददाता, सोनभद्र: ओबरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत भोड़ार व जुर्रा टोला के मतदाता आजादी के सात दशक बाद भी लोकसभा चुनाव में नदिया के पार नाव से वोट देने जाते हैं। इससे लोगों की जान जोखिम में रहती है। मतदान स्थल तय करने के मामले में प्रशासन द्वारा दिखाई गई विवेकहीनता के कारण ग्रामीणों को ओबरा डैम को नाव से पार कर मतदान करने जाना पड़ेगा है। इतना ही नहीं इस डिजिटल युग में भी इस क्षेत्र में किसी भी कंपनी का नेटवर्क नहीं पकड़ता है।

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दुरूह क्षेत्रों में शामिल आदिवासी इलाका पनारी ग्रामसभा के भोड़ार गांव का मतदान स्थल रेणुका नदी के पार निगा गांव में है। रेणुका नदी का यह हिस्सा ओबरा डैम के डूब क्षेत्र में आता है। यहां नदी को पार करने में जहां एक घंटे से ज्यादा समय लगता है वहीं नदी के पार होने के दौरान नावों के डूबने का खतरा बना रहता है। इससे चुनाव में मतदाताओं को अपने पोलिग बूथों पर वोट डालने के लिए खतरों से खेलकर जाना पड़ता है। इससे हमेशा मतदान प्रतिशत कम होता है। यहां के लोगों को अगर अपने साधन से मतदान केंद्र पर जाना होगा तो करीब 20 किलोमीटर की दूसरी तय करनी पड़ती है। बोले मतदाता

मतदान केंद्र पर पहुंचने के लिए नदी पार करना पड़ता है। इससे मतदान का फीसद कम हो जाता है। इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई है लेकिन इसका कोई असर नहीं है।

-फौजदार बैगा।

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करीब पांच सौ से अधिक मतदाता हैं यहां। आवागमन की समस्या व नदी पार करने की दुश्वारी के चलते महिला व बुजुर्ग मतदाता मतदान से वंचित हो जाते हैं।

-जगदीश खरवार।

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आयोग मतदान के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है लेकिन मतदान केंद्र तक जाने के लिए व्यवस्था ठीक न होने के कारण मतदान फीसद हर बार कम होता है लेकिन उसके बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।

-राजकुमार बैगा।

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मतदान फीसद न बढ़ने में सबसे बड़ा बाधक नदी बन रही है। लोग जान जोखिम में डालकर नदी को पार कर मतदान करने के लिए जाते हैं। बुजुर्ग मतदाता तो मतदान करने से वंचित हो जाते हैं।

-बिहारी अगरिया।

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जो मतदाता नाव से नदी पार नहीं करते हैं। उनको अपने साधन से 20 किलोमीटर चक्कर लगाकर मतदान केंद्र जाना पड़ता है। ऐसे में वोट का प्रतिशत कम होता है।

-ओझा बैगा।

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