ज्वालामुखी देवी मंदिर भूमि की नीलामी अवैध
शक्तिपीठ मां ज्वालामुखी मंदिर के भूमि की नीलामी राजस्व विभाग एवं ग्राम सभा चिल्काटांड़ द्वारा अवैध रूप से कराया जाता रहा है
जासं, शक्तिनगर (सोनभद्र) : शक्तिपीठ मां ज्वालामुखी मंदिर के भूमि की नीलामी राजस्व विभाग एवं ग्रामसभा चिल्काटाड़ द्वारा अवैध रूप से करायी जा रही है। मंदिर के पुजारी हेमंत मिश्र द्वारा अवैध नीलामी को रोके जाने के संबंध में जिलाधिकारी व उपजिलाधिकारी दुद्धी के यहां आपत्ति दाखिल किया गया था लेकिन आपत्तियों को दरकिनार कर राजस्व विभाग एवं ग्रामसभा द्वारा मंदिर की भूमि को 12 लाख 52 हजार रुपये में नीलाम कर दिया। इस संबंध में पुजारी द्वारा गतदिवस उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दायर की गई थी। याचिका की सुनवाई दो जजों की बेंच ने की। जिसके बाद एक अप्रैल 2019 को अपने फैसले में कहा कि प्लांट नंबर 536 जो कि मां ज्वालामुखी देवी के नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज है। उक्त भूमि पर ग्रामसभा का कोई अधिकार नहीं है। नीलामी की प्रक्रिया को अवैध करार देते हुए कोर्ट ने कहा है कि उक्त भूमि के नीलाम करने का अधिकार ग्रामसभा को नहीं है और तहसीलदार एवं राजस्व विभाग को आदेशित किया है कि नीलामी से प्राप्त की गई धनराशि को एक अलग खाता खोलकर उसमें जमा कराई जाए। न्यायालय के अग्रिम आदेश तक उक्त धनराशि की निकासी नहीं की जा सकती है। वहीं पुजारी याचिकाकर्ता द्वारा यह भी आरोप लगाया गया है कि राजस्व विभाग एवं ग्रामसभा द्वारा मंदिर की भूमि के साथ एनटीपीसी सिगरौली परियोजना की अधिग्रहित भूमि की भी नीलामी कर अवैध वसूली कराई जाती है, जिस पर रोक लगाई जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि ग्रामसभा द्वारा एवं राजस्व विभाग द्वारा मंदिर पर कोई भी व्यवस्था पूर्व में दर्शनार्थियों व तीर्थ यात्रियों को नहीं कराई जाती है। नीलामी की धनराशि की बंदरबांट होती है। पूर्व में धनराशि की भी वसूली न्यायालय के आदेश से कराई जाय। उक्त धनराशि को मंदिर प्रांगण के विकास कार्यों में एवं धर्मार्थ कार्यों में खर्च किया जाए।