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फसल बीमा के तहत मुआवजे की आवाज बुलंद

पिछले दिनों हुई बारिश से बर्बाद हुई फसलों को लेकर किसानों में चिता बढ़ते जा रही है। अब किसानों ने कृष विभाग से खराब फसलों के लिए मुआवजे की मांग की है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 06:12 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 09:20 PM (IST)
फसल बीमा के तहत मुआवजे की आवाज बुलंद
फसल बीमा के तहत मुआवजे की आवाज बुलंद

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : पिछले दिनों हुई बारिश से बर्बाद हुई फसलों को लेकर किसानों में चिता बढ़ते जा रही है। अब किसानों ने कृषि विभाग से खराब फसलों के लिए मुआवजे की मांग की है। किसानों ने फसल बीमा को लेकर भी सवाल उठाना शुरू कर दिया है। किसानों ने उप कृषि निदेशक को पत्र देकर मुआवजे की मांग की है।

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ग्रामीणों ने बताया कि असमय बारिश की वजह से अरहर, मटर, चना की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। बताया कि अब तो गेहूं भी पीला पड़ने लगा है। किसानों के मुताबिक उनसे बगैर पूछे उनके खाते से प्रीमियम की रकम बीमा कंपिनयों के खाते में ट्रांसफर हो जाती है लेकिन, वक्त पड़ने पर बीमा कंपनियां अपने वादे से मुकर जाती हैं। उन्हें नुकसान का पर्याप्त और वास्तविक मुआवजा मिलने के बजाय मात्र एक, दो और पांच रुपये थमा दिए जाते हैं। किसानों की मांग है कि अब उन्हें और उनके खेत खलिहानों को व्यक्तिगत रूप से फसल नुकसान का मानक बनाया जाए न कि गांव या ग्राम पंचायत को।

ग्रामीणों ने बताया कि फसल बीमा करने वाली कंपनियां ग्राम पंचायत या गांव को यूनिट मानकर फसलों के नुकसान का निर्धारण करती हैं। कंपनियां गांव या ग्राम पंचायतों में शामिल एक तिहाई से ज्यादा किसानों की फसल नष्ट होने पर उन्हें फसल बीमा मुहैया कराती हैं। गायघाट निवासी ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि बीते तीन जनवरी को हुयी बारिश के कारण उनके अरहर के 80 फीसद फूल झड़ गए। इसके कारण उन्हें भारी आर्थिक नुकसान होगा। उन्होंने फसल बीमा के तहत मुआवजे की मांग की। उनके साथ सत्येंद्र सिंह, अरविद सिंह, संत सिंह, लाल बहादुर सिंह, चंद्रबली सिंह, नागेश्वर सिंह, हरिश्चंद्र सिंह, धर्मेश सिंह एवं भोले सिंह आदि ने भी बताया कि फसलों को भारी नुकसान हुआ है । सभी द्वारा फसल बीमा कराया गया है लिहाजा उन्होंने मुआवजा दिलाने की मांग उप कृषि निदेशक से की है ।


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