रेलवे का अंडरपास रोकेगा कनहर की रफ्तार!
कनहर सिचाई परियोजना को पूरा होने की एक ओर जहां उलटी गिनती शुरू हो रही है वहीं अंतिम दौर पर होने वाले निर्माण कार्यों में अब रेलवे द्वारा रोड़ा अटकाने की संभावना तेज हो गई है।
जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : कनहर सिचाई परियोजना को पूरा होने की एक ओर जहां उलटी गिनती शुरू हो रही है, वहीं अंतिम दौर पर होने वाले निर्माण कार्यों में अब रेलवे द्वारा रोड़ा अटकाने की संभावना तेज हो गई है। कारण दुद्धी-अमवार मार्ग पर खजूरी गांव के समीप दुद्धी नगर स्टेशन के गेट संख्या 60 पर रेलवे द्वारा अंडर पास का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। संभावना जताई जा रही है कि अंडर पास बनने के साथ गेट संख्या साठ को आवाजाही के लिए पूरी तरह से बंद करके वहां तैनात कर्मियों को कहीं और भेज दिया जाएगा।
इससे आम लोगों को तो काफी राहत मिल जायेगी लेकिन, इसका बुरा प्रभाव कनहर सिचाई परियोजना के निर्माण कार्य पर पड़ेगा। बताया गया कि परियोजना स्थल के भारी भरकम वर्कशाप पर नियमित तौर पर भारी मशीनों को लेकर भारी वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। इसके अलावा मुख्य बांध पर चल रहे कंक्रीट के लिए सीमेंट का ढुलान बड़े-बड़े बल्कर से किया जाता है। रेलवे द्वारा यदि गेट को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया, तो परियोजना स्थल पर भारी वाहनों की आवाजाही भी पूरी तरह से ठप हो जायेगी। जिसका सीधा असर उसके निर्माण कार्य पर पड़ेगा। कार्य होते ही गेट बंद करने का है निर्देश
स्टेशन अधीक्षक अरुण पांडेय ने बताया कि अंडर पास का काम पूरा होने के साथ ही गेट को बंद करने का प्रावधान है। स्थानीय स्तर पर इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है। रेलवे नियम के अनुसार वे कार्य करने के लिए विवश है। इस पर किसी शीर्ष जिम्मेदार अधिकारी का दिशा निर्देश का ही अनुपालन किया जाएगा। गेट बंद होने से उत्पन्न होगी विकट समस्या
कनहर सिचाई परियोजना के अधिशासी अभियंता विनय कुमार ने बताया कि दुद्धी-अमवार मार्ग से प्रतिदिन दर्जनों भारी वाहनों से मशीन एवं अन्य सामानों की लाने एवं भेजने का कार्य होता है। रेलवे द्वारा खजुरी गांव के समीप बनाये जा रहे अंडर पास की उंचाई सीमित है। जिसमे से भारी वाहनों का निकलना मुश्किल है। परियोजना पर मशीनों के आने जाने का क्रम अभी चार-पांच साल तक चलता रहेगा। ऐसे में यदि रेलवे द्वारा गेट संख्या साठ बंद कर दिया गया तो निर्माण कार्य पर संकट उत्पन्न हो जाएगा।