सोनभद्र में कनहर सिंचाई परियोजना की वनभूमि हस्तांतरण में यूपी कैबिनेट की मिली मंजूरी
योगी सरकार ने गुरुवार को सोनभद्र में कनहर सिंचाई परियोजना के निर्माण में आड़े आ रही वन भूमि संबंधी एक बड़ी बाधा को दूर करते हुए सिंचाई विभाग को भूमि हस्तांतरण करने के लिए कैबिनेट की मंजूरी मिल गई।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : योगी सरकार ने गुरुवार को कनहर सिंचाई परियोजना के निर्माण में आड़े आ रही वन भूमि संबंधी एक बड़ी बाधा को दूर करते हुए सिंचाई विभाग को भूमि हस्तांतरण करने के लिए कैबिनेट की मंजूरी मिल गई। अब सिंचाई महकमा नहर निर्माण के लिए आवश्यक 127.1637 हेक्टेयर वन भूमि के एवज में गैर वन भूमि के रूप में 160.7608 हेक्टेयर भूमि हस्तांतरण करेगी। इस भूमि पर पौधरोपण के लिए वन विभाग के मांग के सापेक्ष सिंचाई महकमे ने जनवरी 2021 में ही 39.95 करोड़ रुपये भारत सरकार के कैंपा हेड में जमा कर रखा है।
इस बाबत परियोजना के नोडल अधिकारी इंजीनियर विनोद कुमार ने बताया कि कनहर सिंचाई परियोजना के मुख्य बांध के निर्माण में आड़े आ रही 980 हेक्टेयर वन भूमि का मसला को तो अस्सी के दशक में ही सुलझा लिया गया था, जिससे परियोजना के मुख्य बांध का निर्माण करीब अस्सी फीसद से ऊपर किया जा चुका है, किन्तु 104 किमी लंबे नहर के निर्माण में आड़े आ रही 127.1637 हेक्टेयर वन भूमि की वजह से एशिया का सबसे बड़े जल सेतु एवं जल सुरंग का कार्य बीते चार वर्षों से ठप पड़ा हुआ था।
इसके लिए वन मंत्रालय के नियमावली के तहत सभी शर्तों को पूरा करते हुए जनवरी 2021 में 39.95 करोड़ रूपये की धनराशि भारत सरकार के कैम्पा हेड में जमा किया जा चुका था, किंतु मंजूरी नहीं मिलने के कारण कार्य बाधित था। अब जब राज्य सरकार के कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद गैर वन भूमि के रूप में बभनी वन क्षेत्र के भीसुर गांव में 69.8110,कोरची में 62.8016 व विंढमगंज वन क्षेत्र के कुदरी गांव में 28.1482 हेक्टेयर भूमि हस्तांतरित कर दिया गया।