Move to Jagran APP

मांग में कमी के बीच 22 इकाइयां बंद

प्रदेश के बड़े हिस्से में जारी बारिश के कारण कम हुए तापमान से बिजली उत्पादन में कटौती लगातार जारी है। मांग में कमी के कारण शटडाउन वाली इकाइयों की संख्या 17 तक पहुंच गयी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 06:25 PM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 06:25 PM (IST)
मांग में कमी के बीच 22 इकाइयां बंद
मांग में कमी के बीच 22 इकाइयां बंद

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : प्रदेश के बड़े हिस्से में जारी बारिश के कारण कम हुए तापमान से बिजली उत्पादन में कटौती लगातार जारी है। मांग में कमी के कारण शटडाउन वाली इकाइयों की संख्या 17 तक पहुंच गयी है। वहीं पांच इकाइयों को तकनीकी कारणों से बंद किया गया है। इन इकाइयों को बंद कराकर 4763 मेगावाट उत्पादन कम कराया गया है। मांग के 10 हजार मेगावाट से भी कम होने के कारण कई चालू इकाइयों से भी कम उत्पादन कराया जा रहा है।

prime article banner

दरअसल, पिछले एक सप्ताह में  उत्पादन निगम की कुल 1135 मेगावाट क्षमता की सात इकाइयों को बंद कराया गया है। वहीं केन्द्रीय और निजी सेक्टर की 10 इकाइयों को शटडाउन पर लिया गया है, जिसमें प्रदेश का हिस्सा 3628 मेगावाट है। उत्पादन निगम के परीछा और हरदुआगंज परियोजनाओं का उत्पादन शून्य कर दिया गया है। इसके अलावा उत्पादन निगम के ओबरा परियोजना की 200 मेगावाट वाली दसवीं इकाई बायलर ट्यूब लीकेज के कारण बंद चल रही है। वहीं निजी सेक्टर के बारा की 660 मेगावाट की एक इकाई कोयले की कमी के कारण बंद है। उधर, एनटीपीसी के ऊंचाहार की 210-210 मेगावाट की दो इकाइयां गीले कोयले के कारण बंद करनी पड़ी है। साथ ही टांडा की 110 मेगावाट की एक इकाई तकनीकी दिक्कतों के कारण बंद है। मांग में कमी जारी 

सोमवार पीक आवर के दौरान मांग 15,100 मेगावाट के करीब रही। जिसके सापेक्ष उपलब्धता 13,870 मेगावाट के करीब रही। जिसके कारण लगभग 1230 मेगावाट की आपात कटौती करनी पड़ी। मंगलवार शाम पांच बजे मांग 10,940 मेगावाट तक लुढ़क गयी। प्रदेश के कई क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान के 25 डिग्री से भी नीचे चले जाने के कारण मांग लगातार कम बनी हुयी है। समाचार लिखे जाने तक उत्पादन निगम की चालू इकाइयों से 2448 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। उधर निजी बिजली घरों से 3178 मेगावाट उत्पादन कराया जा रहा था। वहीं रिहंद डैम का जलस्तर 860.4 फिट तक बढ़ने के कारण रात में पिपरी और ओबरा की आधा दर्जन इकाइयों से उत्पादन कराया जा रहा है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.