तुलसी विवाह आज, मांगलिक कार्य शुरू
हरिप्रबोधनी एकादशी/देवउठनी एकादशी आठ नवंबर (शुक्रवार) आज है इस दिन तुलसी विवाह होता है। ऐसी मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति की कन्या नहीं है वह यदि इस दिन तुलसी विवाह करता है तो उसे कन्या दान करने का पुण्य प्राप्त होता है।
जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : हरिप्रबोधनी एकादशी यानी देवउठनी एकादशी शुक्रवार यानी आज है। इस दिन तुलसी विवाह होता है। ऐसी मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति की कन्या नहीं है, वह यदि इस दिन तुलसी विवाह करता है तो उसे कन्या दान करने का पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन के साथ ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत भी हो जाती है। इस दिन विष्णु स्वरूप शालीग्राम और तुलसी की शादी करवाई जाती है।
रामलीला कमेटी के महामंत्री व दुर्गा पूजा मां काली जी मंदिर के प्रधान पूजा प्रभारी आलोक अग्रहरि ने बताया कि तुलसी व भगवान शालीग्राम के विवाह की कथा में जलंधर नाम का एक पराक्रमी असुर था, जिसका विवाह वृंदा नाम की कन्या से हुआ। इस कथाक्रम में आगे चलकर वृंदा अपने पति जलंधर के साथ सती हो गई थी, जिसके बाद उसकी राख से तुलसी का पौधा निकला। उसकी मर्यादा और पवित्रता के कारण देवताओं ने भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप का विवाह तुलसी से कराया। इसी की याद में प्रतिवर्ष कार्तिक शुक्ल एकादशी यानी देव प्रबोधनी एकादशी के दिन तुलसी का विवाह शालिग्राम के साथ कराया जाता है।