आदिवासियों में तैराक बनने का है जुनून
कोहरौल स्थित मिसिरा सरोवर में सोमवार को आदिवासी तैराकी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ अनपरा के रेंजर दिनेश ¨सह ने डीहबाबा का पूजन कर किया। उन्होंने कहा कि रिहंद जलाशय के किनारे रहने वाले आदिवासियों में तैराक बनने का जुनून है।
जासं, अनपरा (सोनभद्र) : कोहरौल स्थित मिसिरा सरोवर में सोमवार को आदिवासी तैराकी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ अनपरा के रेंजर दिनेश ¨सह ने डीहबाबा का पूजन कर किया। उन्होंने कहा कि रिहंद जलाशय के किनारे रहने वाले आदिवासियों में तैराक बनने का जुनून है। उन्हें मौका मिले तो तैराकी का बेहतर प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर पर जनपद का नाम रोशन कर सकते हैं। आदिवासियों ने 250 मीटर के सरोवर में तैरकर यह साबित किया है कि बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने में खुद की सुरक्षा के साथ दूसरों की मदद कर सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि अधीक्षण अभियंता एनएन त्रिपाठी ने कहा कि तैराकी से स्वस्थ शरीर के साथ ही आपदा के समय दूसरों की सुरक्षा व मदद की जा सकता है। आरडी ¨सह ने कहा कि यहां के परियोजना प्रबंधन द्वारा आदिवासी तैराकों के प्रति सहानभूति दिखाई जाए तो ए तैराक विदेशों में अपना परचम लहरा सकते हैं। प्रतियोगिता कई चरणों में हुआ। जिसे देखने के लिए उमड़ी भीड़ तैराकों का हौसला अफजाई करती रही। तैराकी प्रतियोगिता में प्रथम विकास यादव, द्वितीय ज्वाला प्रसाद व तीसरे स्थान पर दिनेश कोल रहे। सभी को मुख्य अतिथि व विशिष्ठ अतिथि ने माला पहनाकर सम्मानित करते हुए पुरस्कृत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जगदीश साहनी व संचालन भोलानाथ निषाद व ओम प्रकाश ने किया। इस अवसर पर अजीत ¨सह कंग, रीना ¨सह, प्रकाश यादव, राम दुलारे, राकेश कुमार निषाद आदि उपस्थित रहे।